व्यक्ति और समय से आत्मीय साक्षात्कार: अरुण जी
लेखक प्रेमकुमार मणि का राजनीतिक जीवन भी रहा है. उनकी आत्मकथा ‘अकथ कहानी’ आज़ाद भारत में किसान परिवार के युवक...
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लेखक प्रेमकुमार मणि का राजनीतिक जीवन भी रहा है. उनकी आत्मकथा ‘अकथ कहानी’ आज़ाद भारत में किसान परिवार के युवक...
पवन माथुर के कहानी संग्रह ‘हासिल’ की समीक्षा प्रस्तुत है.
वरिष्ठ आलोचक रविभूषण का यह आलेख स्त्री-चिंतन और लेखन पर निगाह डालता है. प्रारंभ, परम्परा और विकास दर्ज करता है....
‘तुम्हारे साथ इतनी सुखी हूँ मैं /कि अब मेरे इस सुख से भी /ग्लानि का तीर झाँकने लगा है…’ वह...
कहानियों में प्रयोग का सिलसिला रहा है. कई लेखकों ने मिलकर एक कहानी लिखी तो किसी अधूरी कहानी को दूसरे...
कवि, उपन्यासकार, निबंधकार और आलोचक अहमद हामदी तानपीनार (Ahmet Hamdi Tanpinar : 23 जून,1901 – 24 जनवरी, 1962) आधुनिक तुर्की...
कहते हैं जब अरस्तु से पूछा गया कि आपका प्रिय कौन है. अरस्तु ने कहा- ‘प्लेटो, पर सत्य गुरु से...
'क्योंकि मेरी समस्त यादें /सताई हुई नहीं हैं.' __ वरिष्ठ कवि अरुण कमल ने प्रभात के पहले संग्रह ‘अपनों में...
इस ‘साथ-साथ’ में दिल्ली का करोल बाग है. घर-परिवार, दोस्त और मुलाक़ातें हैं. भीष्म साहनी की शोर करती मोटर साइकिल...
पर्यावरण-मित्र यंत्रों में साइकिल का स्थान विशिष्ट है. साइकिल सामूहिक आविष्कार है. आगे पीछे अलग-अलग जगहों पर किसी ने पहिये,...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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