lekhak: अरुण कमल

मैं असहमत: कविताएँ

मैं असहमत: कविताएँ

समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...

बुलडोज़र: कविताएँ

बुलडोज़र: कविताएँ

कविताएँ प्रतीकों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बदल भी देती हैं और उनके सामने प्रतिरोध में खड़ी भी हो जाती ...

मैं कहता आँखिन देखी : अरुण कमल

अपना क्या है इस जीवन मेंसब तो लिया उधार                                                                         सारा लोहा उन लोगों का अपनी केवल धार . (अपनी ...