lekhak: प्रदीप सैनी

प्रदीप सैनी की कविताएँ

प्रदीप सैनी की कविताएँ

"कभी कभी आत्मा में धँसी सिर्फ़ एक पंक्ति कहने को/लिखता हूँ पूरी कविता " जैसे बीज में वृक्ष रहता है. ...