lekhak: स्वप्निल श्रीवास्तव

बुलडोज़र: कविताएँ

बुलडोज़र: कविताएँ

कविताएँ प्रतीकों का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें बदल भी देती हैं और उनके सामने प्रतिरोध में खड़ी भी हो जाती ...

स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएँ

कुछ कवि कविता में रहते-रहते खुद कविता की तरह लगने लगते हैं जैसे निराला, शमशेर, जैसे मुक्तिबोध जैसे आलोकधन्वा.स्वप्निल श्रीवास्तव ...

स्वप्निल श्रीवास्तव की कविताएँ

स्‍वप्निल श्रीवास्‍तवजन्‍म ५ अक्‍टूबर १९५४ को पूर्वी उ.प्र. के जनपद सिद्धार्थनगर के सुदूर गांव मेंहनौना में. शिक्षा और जीवन की ...