प्रसिद्ध रंगकर्मी और कवि कावालम नारायण पणिक्कर (28 April 1928 − 26 June 2016) को 1983 में ‘संगीत नाटक एकेडमी...
Read moreफ़िल्म ‘उड़ता पंजाब’ सत्ता-सेंसर से आज़ाद होकर लोक-वृत्त में है. नशा, कला, नियंत्रण, अस्मिता, न्याय, प्रचार और व्यवसायकी सीढियों से...
Read moreकैन लोच की फिल्म "आइ,डेनिअल ब्लेक" को इस वर्ष के कान फिल्म महोत्सव का सर्वोच्च पुरस्कार ‘’पाल्म...
Read moreमराठी फ़िल्म ‘सैराट’ की व्यावसायिक सफलता के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. नागराज मंजुले के निर्देशन में बनी इस...
Read moreविष्णु खरे ने अपने इसी स्तम्भ में राजनेताओं और सिने-जगत के सम्बन्धों पर पहले भी लिखा है. सलमान खान के...
Read moreप्रत्यूषा बनर्जी की ‘आत्महत्या/हत्या’ ने चमक दमक से भरे सिने संसार के अँधेरे को फिर से बेपर्दा कर दिया है....
Read moreहिंदी सिनेमा में अभिनेता भारत भूषण की अदाकारी की बारीकियों पर यह आलेख सहेज लेने लायक है खासकर ऐसे में...
Read moreमार्च का महीना आते ही उच्च शिक्षण संस्थाओं में गोष्ठियों की भरमार हो जाती है. जैसे यह भी कोई काम...
Read moreइस वर्ष का दादा साहब फालके पुरस्कार अभिनेता और निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार को दिया गया है. क्या उन्हें अभिनय के...
Read moreअभिनेता संजय दत्त मार्च 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में 42 महीने कैद की सजा काट कर...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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