इक्कीसवीं सदी के बेकेट के रूप में विख्यात यून फ़ुस्से (1959) को 2023 के साहित्य का नोबेल पुरस्कार देते हुए...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के व्यक्तित्व, संघर्ष और दर्शन के इतने आयाम हैं कि सम्यक रूप से अभी भी इन्हें समझा...
कवि बोधिसत्व की इस कविता में गांधी जी से जो सवाल पूछे गये हैं, अगर आज वह होते तो जैसी...
महानगरों से हटकर कस्बों और छोटे शहरों में भी स्थानीय लेखकों और नवांकुरों की साहित्यिक सरगर्मियों से आबाद साहित्य के...
अभियोग को सवाल की तरह पूछते रहना चाहिए. ख़ुद से भी. यह दुनिया असंख्य प्रश्न चिह्नों के सिवा है क्या?...
कुँवर नारायण प्रार्थना के कवि हैं. दैनंदिन के अवरोधों से मुठभेड़ के लिए आवश्यक जीवन-विवेक और साहस के कवि. ये...
कारागार में मृत्यु-दंड की रात कैसी होती होगी? तीन राजनीतिक कैदी मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहें हैं, उनमें एक कमसिन...
उस्मान ख़ान की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र के अनुसार, “ उस्मान की कविता में भारतीय...
संभावनाशील चाहत अन्वी की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. इनपर एक टिप्पणी कवि अनुज लुगुन ने लिखी है.
साहित्य इतिहास में संवेदना का निवेश करता है. उसे समकालीन बनाने की उसकी कोशिश रहती है. इतिहास में रत्नसेन और...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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