एक भले आदमी की त्रासदी : ओमा शर्मा
स्टीफ़न स्वाइग के उपन्यास ‘बिवेयर ऑफ पिटी’ से आप परिचित हैं, तो उसके पात्र एंटन को संबोधित कथाकार ओमा शर्मा ...
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स्टीफ़न स्वाइग के उपन्यास ‘बिवेयर ऑफ पिटी’ से आप परिचित हैं, तो उसके पात्र एंटन को संबोधित कथाकार ओमा शर्मा ...
आज जब पुरुषोत्तम अग्रवाल सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, उन्हें याद करना अपने प्रिय शिक्षक, मित्र और मार्गदर्शक को ...
दर्शनशास्त्र के अध्येता संदीप सिंह जेएनयू छात्र संघ के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. यह उनकी वैचारिक सक्रियता और ...
भारतीय इतिहास-लेखन में हाशिए के समाजों (जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं) की निर्णायक भूमिका की पड़ताल आरंभ तो हुई है, ...
इसाबेल अयेंदे के उपन्यास ईवा लूना का स्पेनिश से अंग्रेज़ी अनुवाद 1988 में हुआ और शीघ्र ही इसने अपनी एक ...
अश्वघोष का ‘बुद्धचरित’ धार्मिक ही नहीं, साहित्यिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है. यह एक ऐसा महाकाव्य है, जो भारत में ...
अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित पाकिस्तानी फ़िल्ममेकर जवाद शरीफ़ की निर्देशित एवं निर्मित डॉक्यूमेंट्री ‘इंडस ब्लूज़’ (2018) संकटग्रस्त लोक-संगीत और विलुप्ति ...
भारतीय साहित्य की सबसे बड़ी ऑनलाइन लाइब्रेरी ‘कविता कोश’ और ‘गद्य कोश’ के संस्थापक ललित कुमार का जीवन संघर्षों से ...
रज़ा की कलाकृतियों को देखना ही नहीं, उनके बारे में पढ़ना भी सम्मोहक अनुभव है. यशोधरा डालमिया की ‘सैयद हैदर ...
ऋत्विक घटक (1925–1976) की जन्मशती के अवसर पर आलोचक रविभूषण का आलेख आप यहीं पढ़ चुके हैं. निर्देशक–लेखक अरुण खोपकर ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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