रोज़े औसलेण्डर : अनुवाद: रुस्तम सिंह
यहूदी कवयित्री और अनुवादक रोज़ आउसलैंडर (1901–1988) की कविताएँ स्मृति और आघात के संगम पर खड़ी हैं; यही तनाव उनके ...
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यहूदी कवयित्री और अनुवादक रोज़ आउसलैंडर (1901–1988) की कविताएँ स्मृति और आघात के संगम पर खड़ी हैं; यही तनाव उनके ...
क्या आप भारतीय सिनेमा की पहली दलित अभिनेत्री पी.के. रोजी को जानते हैं, जिनका नाम उपेक्षा के हाशिये में विलुप्त ...
1973 से 2021 के बीच प्रकाशित पहल के 125 अंक ज्ञानरंजन की प्रतिबद्धता, संकल्प और ऊर्जा के दस्तावेज़ हैं. साहित्यिक ...
हिंदी की आलोचना-परंपरा में रविभूषण उन प्रमुख आवाज़ों में से हैं जिन्होंने अपने साहस और वैचारिक निरंतरता से पाँच दशकों ...
समालोचन के पन्द्रह वर्ष होने पर संपादकीय टिप्पणी और कुछ प्रमुख प्रतिक्रियाएं.
जो स्थान महात्मा गांधी के जीवन में चंपारण का है, वही स्थान सरदार पटेल के जीवन में बारदोली का है. ...
अविनाश मिश्र की ‘धर्मपत्नियाँ’ कविता का एक सिरा पौराणिक है, तो दूसरा समकालीन. कविता इन दोनों के बीच भाव और ...
संख्याओं की ऊब से शब्द पैदा हुए होंगे, और आज फिर सब कुछ संख्याओं में बदल रहा है. हमारी असफलता ...
शिरीष कुमार मौर्य अपने कविता-संग्रह ‘धर्म वह नाव नहीं’ को ‘नव-चर्यापद’ कहते हैं. सिद्धों द्वारा विरचित आचरण के पदों (चर्यापद) ...
घर, किसी पुराने घर की यादों की ईंटों से बनता है. घर भी हमारे भीतर रहते हैं. अंत से पहले ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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