एक दिन का समंदर : हरजीत : प्रेम साहिल
‘जिस से होकर ज़माने गुज़रे होंबंद ऐसी गली नहीं करते.’शायर हरजीत सिंह की यादें अधूरे प्रेम की तरह टीसती रहती ...
‘जिस से होकर ज़माने गुज़रे होंबंद ऐसी गली नहीं करते.’शायर हरजीत सिंह की यादें अधूरे प्रेम की तरह टीसती रहती ...
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