कथा

मैं रावण नहीं हूँ: अनुपम ओझा

मैं रावण नहीं हूँ: अनुपम ओझा

यह कहानी नहीं गाथा है. एक महाकाव्य के प्रतिनायक का ऐसा पक्ष जो उसके सामूहिक दाह के वार्षिक शोर में दब गया है. अदालत में रावण खुद अपना वकील है....

माधुरी की मुस्कान : प्रीति प्रकाश

माधुरी की मुस्कान : प्रीति प्रकाश

मूल कथ्य पर टिकी हुई, यथार्थवादी, मार्मिक और समयोचित संदेश देती हुई. एक बैठकी में पढ़ जाने योग्य. कहानी से आपको और क्या चाहिए ? युवा कथाकार प्रीति प्रकाश की...

एक प्रेमकथा में रेणु : कविता

एक प्रेमकथा में रेणु : कविता

कहानियों में प्रयोग का सिलसिला रहा है. कई लेखकों ने मिलकर एक कहानी लिखी तो किसी अधूरी कहानी को दूसरे लेखक ने पूरा किया. प्रसिद्ध कहानियों को नए लेखकों द्वारा...

काग़ज़ के फूल: अनुवाद: आयशा आरफ़ीन

काग़ज़ के फूल: अनुवाद: आयशा आरफ़ीन

कुछ कहानियाँ सीधे दिल में उतरती हैं और कसक छोड़ जाती हैं. दूर तक पात्र पीछा करते रहते हैं. प्रसिद्ध ओडिया कथाकार तरुण कांति मिश्र की ‘काग़ज़ के फूल’ ऐसी...

तैत्तिरीय: प्रचण्ड प्रवीर

तैत्तिरीय: प्रचण्ड प्रवीर

प्रचण्ड प्रवीर हिंदी कथा परम्परा में अलग ही तरह के कथाकार हैं. उन्होंने राशियों को आधार बनाकर कहानियाँ लिखीं हैं. उपनिषदों को आधार बनाकर कहानियाँ लिख रहें हैं. यह कहानी...

रूआता मिजो का घर: रीतामणि वैश्य

रूआता मिजो का घर: रीतामणि वैश्य

मिजोरम की पृष्ठभूमि पर आधारित इस कहानी में विवाह के समय मिजो वर द्वारा अलग घर बनाने की परम्परा का सुंदर वर्णन है. लेखिका के अनुसार मिजो पृष्ठभूमि पर हिंदी...

फॉलो बैक: दीपांकर शिवमूर्ति

फॉलो बैक: दीपांकर शिवमूर्ति

दीपांकर शिवमूर्ति की कुछ कहानियाँ हिंदी और अंग्रेजी में छपी हैं. वह फिल्मों के लिए पटकथा भी लिखते हैं. उनकी कहानी ‘फॉलो बैक’ प्रस्तुत है.

अच्छा आदमी था: मायने और महत्व: अंजली देशपांडे

अच्छा आदमी था: मायने और महत्व: अंजली देशपांडे

युवा कथाकार किंशुक गुप्ता की कहानी, ‘अच्छा आदमी था’ जब ‘समालोचन’ पर प्रकाशित हुई तो उसने बहुत से लेखकों का ध्यान भी खींचा. कथाकार, पत्रकार, और एक्टिविस्ट अंजली देशपांडे ने...

अच्छा आदमी था: किंशुक गुप्ता

अच्छा आदमी था: किंशुक गुप्ता

किंशुक गुप्ता के कहानी-संग्रह- ‘ये दिल है कि चोर दरवाज़ा’ के विषय में लेखिका बलवन्त कौर का मानना है कि ‘ये कहानियाँ नई लैंगिक अस्मिताओं की कहानियाँ हैं. जो मनःस्थिति...

मूलधन तो डूब गया: उज़्मा कलाम

मूलधन तो डूब गया: उज़्मा कलाम

उज़्मा कलाम की अभी कुछ ही कहानियाँ प्रकाशित हुईं हैं पर जिस तरह से भाषा और शिल्प पर उनकी पकड़ दिखती है क़ाबिले-तारीफ़ है. यह कहानी एक पल के लिए...

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