कथा

टोटम : आयशा आरफ़ीन

टोटम : आयशा आरफ़ीन

युवा कथाकार आयशा आरफ़ीन की कहानियाँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. उड़िया से हिंदी में अनुवाद करती हैं. अंग्रेजी के महत्वपूर्ण उपन्यासों पर भी लिखा है. समाजशास्त्र की अध्येता है....

बुज़दिल : तसनीफ़ हैदर

बुज़दिल : तसनीफ़ हैदर

यह कहानी आपको छूती है, आपके मन के चोर दरवाज़े पर दस्तक देती है. जिससे आप छुपते रहते हैं, नज़र-अंदाज़ कर देते हैं वही सामने आ खड़ा होता है. इसकी...

बिल्लियों के भी घर होते हैं : शिल्पा कांबले

बिल्लियों के भी घर होते हैं : शिल्पा कांबले

शिल्पा कांबले मराठी कथा-साहित्य की सुपरिचित लेखिका हैं. एक युवा लड़की और उसकी बिल्लियों की यह कथा महानगरीय संत्रास के बीच उनके होने को सरस ढंग से प्रस्तुत करती है....

कूप मंडूक : अम्बर पाण्डेय

कूप मंडूक : अम्बर पाण्डेय

अम्बर पाण्डेय अपनी कविताओं के लिए प्रशंसित और पुरस्कृत हैं. हालाँकि अभी उनका कोई कहानी-संग्रह नहीं आया है पर संग्रह लायक उनके पास कहानियाँ भी हैं. समालोचन पर ही पिछले...

शिएनथुक : द ओकलैंड : रीतामणि वैश्य

शिएनथुक : द ओकलैंड : रीतामणि वैश्य

अरुणाचल प्रदेश समृद्ध और विविधता से भरपूर है. संपर्क भाषा के रूप में हिंदी से जुड़ाव के बावजूद अपरिचय अभी भी बना हुआ है. लेखिका रीतामणि वैश्य ने वहाँ के...

दास्तान-ए-शाहीन : अपर्णा दीक्षित

दास्तान-ए-शाहीन : अपर्णा दीक्षित

अपर्णा दीक्षित हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखती हैं. EPW सहित कई पत्रिकाओं में छपती रही हैं. उनकी यह कहानी एक अरब स्त्री के जन्म और उसकी फांसी के...

शैतानी तुरही : निधि अग्रवाल

शैतानी तुरही : निधि अग्रवाल

निधि अग्रवाल पेशे से चिकित्सक हैं. कविताएँ भी लिखती हैं. यह कहानी भी इसकी तसदीक़ करती है. हिंदी में कवि-कथाकारों की पुष्ट परम्परा है. आज के कई महत्वपूर्ण कथाकार इस...

सात जुमेरात : ख़ुर्शीद अकरम

सात जुमेरात : ख़ुर्शीद अकरम

ख़ुर्शीद अकरम 'आजकल' उर्दू के संपादक रहे हैं. ‘सात जुमेरात’ कहानी मूल रूप से उर्दू में लिखी गई है और लेखक द्वारा खुद उसका हिंदी रूपांतरण किया गया है. उनकी...

कौंध : नरेश गोस्वामी

कौंध : नरेश गोस्वामी

आकार में छोटी कहानी कैसे बड़ी हो सकती है, नरेश गोस्वामी की कहानी ‘कौंध’ इसका अच्छा उदाहरण है. इसके विस्तार की इसमें संभावनाएं थी, पर नरेश ने अन्तर-कथाओं को पाठकों...

जयशंकर प्रसाद की कहानी पुरस्कार

जयशंकर प्रसाद की कहानी पुरस्कार

‘पुरस्कार’ को प्रेम और राष्ट्र-प्रेम के द्वंद्व की कहानी के रूप में देखा जाता रहा है. इसके प्रकाशन के शतवर्ष पूरे होने को ही हैं. वरिष्ठ आलोचक रोहिणी अग्रवाल ने...

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