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औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति के सवाल से भारत अपनी आज़ादी के संघर्ष से ही जूझता रहा है. इसका एक सिरा...
Read moreऔपनिवेशिक भारत में स्तूपों की खुदाई, शिलालेखों और पांडुलिपियों के अध्ययन ने बुद्ध और उनके धर्म को भारत में पुनर्जीवित...
Read moreविश्व की आधुनिक अकादमिक दुनिया में कुछ ही भारतीय हैं जिन्होंने अपनी स्थापनाओं से मूलभूत परिवर्तन उपस्थित किया जिसे हम...
Read moreभारत जैसे देश में विडम्बनाओं का अंत नहीं, जिस संस्कृति ने प्रेम और दाम्पत्य का अद्भुत ग्रन्थ ‘कामसूत्र’ दिया हो,...
Read moreगणितज्ञ रामानुजन की स्मृति में 22 दिसम्बर को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है. सुमीता ओझा साहित्य के...
Read moreभारतीय ज्ञान परम्परा से संवाद का प्रतिफल है प्रसिद्ध राजनीतिक शास्त्री मणीन्द्र नाथ ठाकुर की पुस्तक ‘ज्ञान की राजनीति: समाज...
Read moreनारीवाद आधुनिक विश्व के कुछ महत्वपूर्ण विचारों में से एक है, यह जनांदोलन भी है और राजनीति भी. समानता, स्वतंत्रता...
Read moreइधर गम्भीर विमर्शों में जवाहरलाल नेहरू की वापसी हुई है, जिस तरह से उन्हें सार्वजनिक जगहों और स्मृतियों से बेदखल...
Read moreयह बातचीत ‘Mediapart’ में सबसे पहले 20 सितम्बर, 2022 में फ्रेंच में- ‘Le fascisme a un futur’ शीर्षक से प्रकाशित...
Read more2022 का नोबेल पुरस्कार चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. स्वांते पैबो को दिए जाने की घोषणा हुई है. क्या है...
Read moreसमालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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