नाच रहा है बिरजू: सुमीता ओझा
पंडित बिरजू महाराज पर के. मंजरी श्रीवास्तव का संस्मरणात्मक-आलेख आपने देखा- ‘मेरे बिरजू महाराज’. नृत्य प्रस्तुतियों को सहृदय किस तरह ग्रहण करते हैं और कैसे उनकी स्मृतियों में भंगिमाएं रच...
पंडित बिरजू महाराज पर के. मंजरी श्रीवास्तव का संस्मरणात्मक-आलेख आपने देखा- ‘मेरे बिरजू महाराज’. नृत्य प्रस्तुतियों को सहृदय किस तरह ग्रहण करते हैं और कैसे उनकी स्मृतियों में भंगिमाएं रच...
भारतीय नृत्य के प्रतीक कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज का पिछले दिनों 17 जनवरी (२०२२) को देहावसान हो गया. वह शिक्षक भी थे. ‘कलाश्रम’ से वह आजीवन कलाओं के संवर्धन...
जो कोठे कभी कला के आश्रय तथा केंद्र और स्त्रियों की स्वाधीन के प्रक्षेत्र थे, उन्हें औपनिवेशिक शासन ने सिर्फ देह पर आश्रित रहने के लिए मजबूर कर दिया, उन्हें...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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