फ़िल्म

मोहन अगाशे से अरविंद दास की बातचीत

मोहन अगाशे से अरविंद दास की बातचीत

प्रसिद्ध अभिनेता और रंगकर्मी मोहन अगाशे मनोचिकित्सक भी हैं. हिंदी की मुख्यधारा की फिल्मों में भी उन्होंने काम किया है. उनसे अरविंद दास ने यह बातचीत की है. प्रस्तुत है.

विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज

विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज

विश्व सिनेमा से कुमार अम्बुज’ की इस कड़ी में ‘It Must Be Heaven’, ‘Many Beautiful Things’, ‘Coda’, और ‘Christ Stopped at Eboli’ जैसी प्रसिद्ध फ़िल्मों के समानांतर यह वृतांत रचा...

सारा आकाशः कथा-पटकथा: शीतांशु

सारा आकाशः कथा-पटकथा: शीतांशु

अक्सर जब किसी चर्चित औपन्यासिक कृति पर फ़िल्म बनती है, पाठकों को निराशा होती है. उपन्यास के पाठ और फ़िल्म की प्रस्तुति में इतना अंतर क्यों हो जाता है? क्या...

हर तरफ़ पसरी थी चुप्पी: रवीन्द्र व्यास

हर तरफ़ पसरी थी चुप्पी: रवीन्द्र व्यास

स्त्री को अपने गर्भपात का अधिकार देने वाला फ़्रांस पहला देश बन गया है. 4 मार्च, 2024 को फ़्रांस में इसे संवैधानिक बना दिया गया है. इसके पीछे लम्बा संघर्ष...

वेनिस: तीन पल: अरुण खोपकर

वेनिस: तीन पल: अरुण खोपकर

सर्गेई आइज़ेन्श्टाइन (Sergei Eisenstein : 22 जनवरी,1898-11 फ़रवरी,1948) रूस के प्रसिद्ध सिने निर्देशक और विचारक थे. उन्हें फ़िल्म संपादन की मोंटाज शैली का पिता कहा जाता है. उनके कला-विचार पर...

समानांतर: कुमार अम्बुज

समानांतर: कुमार अम्बुज

कुमार अम्बुज की विश्व सिनेमा की इस श्रृंखला के लिए उनके ही शब्दों में– ‘इस तरह कहना कि वह संगीत हो जाए’ कहना अतिशयोक्ति नहीं है. यह कलाओं के आपसी...

12वीं फेल: कला और संदेश: जितेन्द्र विसारिया

12वीं फेल: कला और संदेश: जितेन्द्र विसारिया

अनुराग पाठक के उपन्यास ‘ट्वेल्थ फेल’ पर आधारित तथा विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित हिंदी फ़िल्म ‘12वीं फेल’ के मंतव्य को तरह-तरह से समझा जा रहा है. इसे देखने की...

स्मृतियों का सलेटी उजाला:  जितेन्द्र भाटिया

स्मृतियों का सलेटी उजाला: जितेन्द्र भाटिया

अविनाश अरुण धावरे द्वारा निर्देशित और जयदीप अहलावत, शेफाली शाह, स्वानंद किरकरे आदि अभिनेताओं से सजी ‘थ्री ऑफ़ अस’ फ़िल्म तीन नवम्बर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई है और इसे...

सौमित्र चट्टोपाध्याय होने का अर्थ: कल्लोल चक्रवर्ती

सौमित्र चट्टोपाध्याय होने का अर्थ: कल्लोल चक्रवर्ती

‘बंगाल जिस सांस्कृतिक श्रेष्ठता पर गर्व करता रहा है, सौमित्र कदाचित उसके आखिरी प्रतिनिधि थे. साहित्य, कविता, नाटक, रवींद्र संगीत, फुटबॉल, अड्डेबाजी और मार्क्सवाद पर बंगाली रीझता रहा है, और...

देव आनंद: आशुतोष दुबे

देव आनंद: आशुतोष दुबे

हिंदी फिल्मों में अभिनेता और निर्देशक दोनों भूमिकाओं में देव आनंद (26/9/1923– 3/12/2011) चर्चित रहे. अपने अंदाज़ और तेवर से उन्होंने भारतीय सिनेमा को बहुत समृद्ध किया. उनकी कुछ फ़िल्में...

Page 1 of 10 1 2 10

फ़ेसबुक पर जुड़ें