अनुवाद

एन्नी दवू बर्थलू की बीस कविताएँ : अनुवाद: रुस्तम सिंह

एन्नी दवू बर्थलू की बीस कविताएँ : अनुवाद: रुस्तम सिंह

एन्नी दवू बर्थलू (Annie Deveaux Berthelot) फ्रांसीसी लेखिका हैं. उनके दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. उनकी कुछ कविताओं का हिंदी अनुवाद आप पहले भी पढ़ चुके हैं. प्रस्तुत बीस कविताओं...

अहमद हामदी तानपीनार: निशांत कौशिक

अहमद हामदी तानपीनार: निशांत कौशिक

कवि, उपन्यासकार, निबंधकार और आलोचक अहमद हामदी तानपीनार (Ahmet Hamdi Tanpinar : 23 जून,1901 – 24 जनवरी, 1962) आधुनिक तुर्की साहित्य के अग्रदूत हैं. ओरहान पामुक ने उन्हें बीसवीं सदी...

पाँच तुर्की कवि: अनुवाद: निशांत कौशिक

पाँच तुर्की कवि: अनुवाद: निशांत कौशिक

पाँच तुर्की कवि हिंदी अनुवाद: निशांत कौशिक  शुकरु एरबाश आख़िर कैसे आख़िर कैसे, मेरे ख़ुदा? ये सड़कें कैसे सह सकती हैं इतना वज़न, ख़ुदा? भीड़ बहुत है रात बहुत है...

अक्क‌ महादेवी के वचन: सुभाष राय

अक्क‌ महादेवी के वचन: सुभाष राय

2023 में प्रख्यात कवि गगन गिल के अक्का महादेवी के वचनों का हिंदी अनुवाद ‘तेजस्विनी’ शीर्षक से राजकमल ने प्रकाशित किया था. जिसे उन्होंने भाव रूपांतरण कहा है. इस वर्ष...

बीता हुआ कल: हारुकी मुराकामी : अनुवाद : श्रीविलास सिंह

बीता हुआ कल: हारुकी मुराकामी : अनुवाद : श्रीविलास सिंह

नए वर्ष के इस पहले अंक में विश्व प्रसिद्ध कथाकार हारुकी मुराकामी की चर्चित कहानी ‘Yesterday’ का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया जा रहा है. यह कहानी प्रथमत: २०१६ के जून...

क्या गोलाबारी ख़त्म हो गई है!: फ़िलिस्तीनी कविताएँ

क्या गोलाबारी ख़त्म हो गई है!: फ़िलिस्तीनी कविताएँ

पूर्वा भारद्वाज और निधीश त्यागी के संपादन में ‘कविता का काम आँसू पोंछना नहीं’ शीर्षक से कविताओं का एक संकलन जिल्द बुक्स, नई दिल्ली से आज 27 दिसम्बर को लोकार्पित...

गर्भ का तेज: अली बाबा: जया जादवानी

गर्भ का तेज: अली बाबा: जया जादवानी

अली बाबा (1940 –2016 ) सिंधी भाषा के प्रसिद्ध लेखक हैं. उनकी कहानी ‘गर्भ का तेज’ इसी शीर्षक से 1970 के आसपास प्रकाशित हुई थी. इसका मूल सिंधी से यह...

एक प्रदीप्त अँधेरा: यून फ़ुस्से : तेजी ग्रोवर

एक प्रदीप्त अँधेरा: यून फ़ुस्से : तेजी ग्रोवर

इक्कीसवीं सदी के बेकेट के रूप में विख्यात यून फ़ुस्से (1959) को 2023 के साहित्य का नोबेल पुरस्कार देते हुए उनके नाटकों की नवोन्मेषी प्रकृति और उसके माध्यम से अनकहे...

दीवार: ज़्याँ पॉल सार्त्र: सुशांत सुप्रिय

दीवार: ज़्याँ पॉल सार्त्र: सुशांत सुप्रिय

कारागार में मृत्यु-दंड की रात कैसी होती होगी? तीन राजनीतिक कैदी मृत्यु की प्रतीक्षा कर रहें हैं, उनमें एक कमसिन लड़का है. अगली सुबह उनके पीछे दीवार होगी और सामने...

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