अनुवाद

ए पैसेज टु इंडिया:  कुछ अनूदित अंश : हरीश त्रिवेदी

ए पैसेज टु इंडिया: कुछ अनूदित अंश : हरीश त्रिवेदी

आज से सौ साल पहले १९२४ में ई. एम. फ़ॉर्स्टर का उपन्यास ‘ए पैसेज टु इण्डिया’ प्रकाशित हुआ था. यह चर्चा में रहा और इसे आज भी महत्वपूर्ण उपन्यास समझा...

मर चुके लोग : जेम्स ज्वायस : अनुवाद : शिव किशोर तिवारी

मर चुके लोग : जेम्स ज्वायस : अनुवाद : शिव किशोर तिवारी

जेम्स ज्वायस की कहानी ‘द डेड’ का प्रकाशन 1914 में हुआ था. इसे विश्व की कुछ महत्वपूर्ण कहानियों में से एक समझा जाता है. इसपर आधारित इसी शीर्षक से 1987...

शिनागावा बन्दर की स्वीकारोक्तियाँ : हारुकी मुराकामी : अनुवाद : श्रीविलास सिंह

शिनागावा बन्दर की स्वीकारोक्तियाँ : हारुकी मुराकामी : अनुवाद : श्रीविलास सिंह

हारुकी मुराकामी की कहानी ‘शिनागावा बंदर’ 2006 में प्रकाशित हुई थी, यह बन्दर मनुष्यों की तरह बोलता था और जिससे प्रेम करता था, उसका नाम चुरा लेता था. कुछ स्त्रियों...

शिनागावा बन्दर : हारुकी मुराकामी : श्रीविलास सिंह

शिनागावा बन्दर : हारुकी मुराकामी : श्रीविलास सिंह

75 वर्षीय जापानी कथाकार हारुकी मुराकामी वर्षों से साहित्य के नोबेल पुरस्कार के संभावित लेखक के रूप में देखे जा रहे हैं. जादुई यथार्थ और लोककथाओं के अद्भुत समन्वय की...

बिल्लियों के भी घर होते हैं : शिल्पा कांबले

बिल्लियों के भी घर होते हैं : शिल्पा कांबले

शिल्पा कांबले मराठी कथा-साहित्य की सुपरिचित लेखिका हैं. एक युवा लड़की और उसकी बिल्लियों की यह कथा महानगरीय संत्रास के बीच उनके होने को सरस ढंग से प्रस्तुत करती है....

विलियम सरोयान : एक रात का सत्य : अनुवाद : निर्मल वर्मा

विलियम सरोयान : एक रात का सत्य : अनुवाद : निर्मल वर्मा

1908 में जन्मे विलियम सरोयान अर्मीनियाई मूल के अमेरिकी लेखक हैं. 1957 में वे 49 साल के थे तब अट्ठाईस वर्षीय निर्मल वर्मा ने उनकी इस कहानी का हिंदी में...

लिखने के कारण और उसके दौरान : कुमार अम्‍बुज

लिखने के कारण और उसके दौरान : कुमार अम्‍बुज

लेखन के कारण और उसकी प्रक्रिया को लेकर लेखकों से अक्सर प्रश्न पूछे जाते हैं. काव्य-शास्त्र से लेकर आधुनिक आलोचना सिद्धांतों तक में इसकी विवेचना है. प्रसिद्ध लेखिका मार्गरेट एटवुड...

शून्यकाल: अर्नेस्तो कार्देनाल: अनुवाद: दिगम्बर

शून्यकाल: अर्नेस्तो कार्देनाल: अनुवाद: दिगम्बर

मूलत: पादरी रहे अर्नेस्तो कार्देनाल ने ‘जीरो आवर’ कविता को 1950 के दशक में लिखना शुरू किया और यह मूल स्पेनिश में 1970 में प्रकाशित हुई. यह एक ऐसी तीखी...

विश्व कविता : रुस्तम

विश्व कविता : रुस्तम

कविताओं के अनुवाद का कार्य मशक़्क़त का है. तब और जब कवि विदेशी भाषाओं के हों, अंग्रेजी से अलग किसी अन्य भाषा के हों तो मुश्किलें और बढ़ जाती हैं....

Page 1 of 19 1 2 19

फ़ेसबुक पर जुड़ें