हेमंत देवलेकर की कविताएँ
हेमंत देवलेकर बहुमुखी व्यक्तित्व रखते हैं. अभिनय, संगीत, नाट्य लेखन, रंग-कर्म, कविताएँ आदि उनके क्षेत्र हैं. युवा रचनाकारों की अचूक पहचान और उनकी मदद भी उनके व्यक्तित्व का एक सराहनीय...
हेमंत देवलेकर बहुमुखी व्यक्तित्व रखते हैं. अभिनय, संगीत, नाट्य लेखन, रंग-कर्म, कविताएँ आदि उनके क्षेत्र हैं. युवा रचनाकारों की अचूक पहचान और उनकी मदद भी उनके व्यक्तित्व का एक सराहनीय...
हिंदी और मराठी का गहरा नाता है एक तो दोनों की लिपि देवनागरी है, फिर प्रारम्भिक खड़ी बोली हिंदी ने मराठी और बांग्ला साहित्य के अनुवादों से अपने को खूब...
पृथ्वी से सूर्य की दूरी पर इस धरा का अस्तित्व निर्भर है. दूरी बढ़ी तो जीवन बर्फ़ और घटी तो रेत. अस्तित्व अतिरेक से बच कर ही संभव है- चाहे...
जिनके पास कोई नदी नहीं, वे अ-भागे हैं, जिन्होंने अपनी नदियों को नष्ट कर दिया है वे अपराधी कहलाये जाएंगे. नदी प्रार्थनाओं में, कामनाओं में, दिनचर्या में बहती रही है....
कवि-आलोचक अच्युतानंद मिश्र की इन नयी कविताओं में उदासी और निराशा का व्यक्तिगत से अधिक कालगत सन्दर्भ है. यह इस समय का स्थायी भाव है. यह शोक काल है. कवि...
हिंदी कविता में युवा स्त्री स्वर यौनिकता को लेकर सचेत है और मुखर भी. देखना यह होता है कि कविता के शिल्प में ये आवाज़ें किस तरह ढल रहीं हैं....
साहित्य एवं कला की पत्रिका ‘क’ के संपादक विजय शंकर को दुनिया जानती है. क्या कवि विजय शंकर से हम परिचित हैं? पिछले साल 9 अप्रैल, 2021 को दिल्ली के...
बीसवीं शताब्दी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हॉब्सबॉम ने अतियों का युग (The Age of Extremes) कहा है. 21वीं शताब्दी में अति विचारधारा है. इस अति के पहाड़ को तकनीक ने...
कविताओं के कथ्य और शिल्प में जब बदलाव सामूहिकता में लक्षित हों तब उसे नये नाम से पुकारने की जरूरत पड़ती है हालाँकि इस सामूहिकता में प्रत्येक कवि की अपनी...
पिछले वर्ष संभावना प्रकाशन से विनोद पदरज का चौथा कविता संग्रह- ‘आवाज़ अलग अलग है’ प्रकाशित हुआ था, दुर्योग से इसकी पर्याप्त चर्चा नहीं हुई. विनोद पदरज का यह संग्रह...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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