उस्मान ख़ान की कविताएँ
उस्मान ख़ान की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र के अनुसार, “ उस्मान की कविता में भारतीय नागरिकता के अजनबी में बदलने की निरुपायता और उससे निसृत...
उस्मान ख़ान की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र के अनुसार, “ उस्मान की कविता में भारतीय नागरिकता के अजनबी में बदलने की निरुपायता और उससे निसृत...
संभावनाशील चाहत अन्वी की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. इनपर एक टिप्पणी कवि अनुज लुगुन ने लिखी है.
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस और सौन्दर्य है. ये सबसे पहले कविताएँ हैं. इस अंक...
रुस्तम जैसे कवि की एक साथ बीस कविताओं को पढ़ना विचार और संवेदना के किसी समानांतर दुनिया में कुछ देर के लिए ठहर जाना है. जैसे हम पृथ्वी, मनुष्य और...
हिंदी की दलित कविता के तेवर और तर्क इधर और नुकीले हुए हैं, उसकी बेधकता बढ़ी है. ये कविताएँ मर्म ही नहीं चेतना पर भी असर करती हैं. यह कबीर...
वरिष्ठ कवि नरेंद्र जैन के अनुसार लाल्टू की कविताएँ पढ़ते हुए ‘ऐसे कवि से साक्षात्कार होता है जो सत्ता और व्यस्तता की कौंध से दूर जैसे अज्ञातवास में डूबा इस...
सघन प्रेम की कविताएँ हैं. स्त्री ख़ुद को देख रही है. अपने प्रिय के साथ ख़ुद को देखते हुए वह यह भी देख रही हैं कि प्रिय उसे कैसे देख...
अनीति देख कविता शाप भी देती है, यह शब्दों की ताकत है, यह भाषा की अर्जित शक्ति है. असहमति और प्रतिवाद का भी सौन्दर्य होता है. बनारस के राजघाट स्थित...
वरिष्ठ कवि विनोद पदरज का पांचवाँ कविता संग्रह ‘यत्क्रोंचमिथुनादेकम्’ 2023 में प्रकाशित हुआ है और उनके दूसरे कविता संग्रह ‘अगन जल’ का द्वितीय संस्करण भी इसी वर्ष आया है. विनोद...
कल्लोल चक्रवर्ती की प्रस्तुत कविताएँ असहमति की कविताएँ हैं. बदरंग और विरूप वर्तमान का यह पाठ गहरे तक विचलित करता है. ये कविताएँ अपने समय का नुकीला सच एक ऐसे...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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