स्मृतियों की रोशनी में : निशिकांत ठकार
'तमस' उपन्यास के मराठी अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित मराठी तथा हिन्दी के वरिष्ठ लेखक चंद्रकांत पाटिल (1943, महाराष्ट्र) की पुस्तक ‘स्मृतियों की रोशनी’ की...
'तमस' उपन्यास के मराठी अनुवाद के लिए साहित्य अकादमी के अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित मराठी तथा हिन्दी के वरिष्ठ लेखक चंद्रकांत पाटिल (1943, महाराष्ट्र) की पुस्तक ‘स्मृतियों की रोशनी’ की...
लेखक-आलोचक गरिमा श्रीवास्तव के स्त्री-आत्मकथाओं पर प्रकाशित आलेखों ने इधर ध्यान खींचा है. इनमें दलित, मुस्लिम स्त्रियाँ हैं. हिंदी, तमिल, कन्नड़, मलयालम, बांग्ला आदि भाषाओं में लिखी स्त्री-आत्मकथाएँ हैं. गहन...
‘पश्चिम और सिनेमा’, ‘शेल्फ़ में फ़रिश्ते’, ‘नींद कम ख़्वाब ज्यादा’ के लेखक दिनेश श्रीनेत की कहानियों का पहला संग्रह ‘विज्ञापन वाली लड़की’ भावना प्रकाशन से इसी वर्ष प्रकाशित हुआ है....
आकाश सिंह राठौर, मृदुला मुखर्जी, सैयदा हमीद, और पुष्पराज देशपांडे के संपादन में ‘भारत एक पुनर्विचार’ श्रृंखला के अंतर्गत प्रकाशित ‘The Shudra: Vision for a new path’ का हिंदी अनुवाद...
भारतीय अंग्रेजी लेखकों में दिलीप चित्रे (1938-2009) का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है. उन्होंने मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा है. संत तुकाराम की कविताओं का उनका...
प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने अवधी, ब्रज, भोजपुरी, काशिका और बुन्देलखड़ी बोलियों के गीतों को देश-प्रदेश में अपने मोहक अंदाज़ में प्रस्तुत किया है. इस प्रक्रिया में अर्जित उनके...
इमरे बंघा और दानूता स्तासिक से हिंदी समाज सुपरिचित है. उनके संपादन में ओयूपी ऑक्सफोर्ड से 2024 में प्रकाशित ‘लिटररी कल्चर्स इन अर्ली मॉडर्न नॉर्थ इंडिया करेंट रिसर्च’ शोध पत्रों...
समकालीन भारतीय कविता के महत्वपूर्ण कवि अरुण कमल के सात कविता संग्रह, दो आलोचना पुस्तकें, साक्षात्कारों की एक किताब और दो अनुवाद पुस्तकें आदि प्रकाशित हैं. उनकी कविताएँ अनेक भाषाओं...
संस्कृत भाषा की समकालीन कविताओं से हम लगभग अपरिचित हैं. समालोचन ने वर्षों पहले बलराम शुक्ल की संस्कृत कविताएँ और साथ में उनके अनुवाद प्रकाशित किये थे. समकालीन संवेदना की...
पवन करण के कविता संग्रह ‘स्त्री मुग़ल’ की कविताओं में इतिहास, आख्यान और संवेदना का सहमेल है. जिन्हें इतिहास भुला देता है, साहित्य उन्हें भी सहेज लेता है. इस संग्रह...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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