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हिमालय का क्षेत्र पहाड़ों के लिए ही नहीं जंगलों के लिए भी जाना जाता है, जंगल और उसके वृक्ष जहाँ...
राहुल श्रीवास्तव तिग्मांशु धूलिया की कई फिल्मों के संपादक रहे हैं, सैकड़ों की संख्या में विज्ञापन फिल्में (कमर्शियल) बना चुके...
पंकज मोहन ऑस्ट्रेलिया नेशनल यूनिवर्सिटी, कैनबरा में एमेरिटस फैकल्टी हैं और भारत से सम्बन्धित दुर्लभ सामग्री के शोध ओर संचयन...
अमीर ख़ुसरो साहित्य (हिंदी, उर्दू, फ़ारसी) और इतिहास दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. उनके व्यक्तित्व और महत्व पर माधव हाड़ा...
कबीर संजय ने कथाकार के रूप में इधर अपनी पहचान बनाई है, उनकी लम्बी कहानी ‘निम्फोमैनियाक: एक बयान’ इसे और...
लगभग चार दशकों से कवि-कर्म में संलग्न रुस्तम के सात कविता संग्रह प्रकाशित हैं. प्रचलित राजनीतिक मुहावरों से अलग सम्पूर्ण...
राकेश मिश्र की इन नयी कविताओं में जीवन का वह पक्ष संवेदित हुआ है, जिस पर लिखना आसान नहीं. मृत्यु...
भारतीय साहित्य विशेष रूप से उपन्यासों के लिए साल 2022 कामयाब रहा, हिंदी के उपन्यास ‘रेत-समाधि’ के अनुवाद को जहाँ...
धीरेन्द्र अस्थाना ने यह साक्षात्कार 2001 में मुंबई के एक स्थानीय समाचार पत्र के लिए लिया था जो 23 फरवरी,...
वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया पर केन्द्रित अखिलेश का यह संस्मरण उनके कथा साहित्य का आकलन भी साथ-साथ करता चलता है....
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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