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उस्मान ख़ान की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. वरिष्ठ कवि देवी प्रसाद मिश्र के अनुसार, “ उस्मान की कविता में भारतीय...
संभावनाशील चाहत अन्वी की कुछ कविताएँ प्रस्तुत हैं. इनपर एक टिप्पणी कवि अनुज लुगुन ने लिखी है.
साहित्य इतिहास में संवेदना का निवेश करता है. उसे समकालीन बनाने की उसकी कोशिश रहती है. इतिहास में रत्नसेन और...
प्रसिद्ध कवि और लेखिका अनामिका का नया उपन्यास वाणी से प्रकाशित हुआ है, ‘तृन धरि ओट’ जो रामायण की सीता...
बीसवीं सदी को प्रसिद्ध इतिहासकार एरिक हाब्सबाम ‘अतियों का युग’ कहते हैं. एक भारतीय के लिए बीसवीं सदी के क्या...
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस...
हिंदी सिनेमा के गीतकार शैलेन्द्र (30 अगस्त, 1923–14 दिसम्बर, 1966) का यह जन्म शताब्दी वर्ष है. हिंदी का एक कवि...
प्रेमचन्द शिक्षक भी थे, इसकी चर्चा कम होती है. उनका लेखन औपनिवेशिक शिक्षा-जगत की दुश्वारियों के प्रति संवेदनशील है. यह...
तार्किक चेतना से हासिल की गयी विज्ञान की उपलब्धियों को उनके यहाँ पहले से होने जैसे किसी कथन से छोटा...
‘कौन जात हो भाई’ कविता से चर्चित बच्चा लाल ‘उन्मेष’ के तीन कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. कुछ दिन...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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