राधावल्लभ त्रिपाठी से के. मंजरी श्रीवास्तव की बातचीत
भारत जैसे देश में विडम्बनाओं का अंत नहीं, जिस संस्कृति ने प्रेम और दाम्पत्य का अद्भुत ग्रन्थ ‘कामसूत्र’ दिया हो, जिसके मन्दिरों में प्रेमरत युगल अंकित हों जिसके देवता प्रेम...
भारत जैसे देश में विडम्बनाओं का अंत नहीं, जिस संस्कृति ने प्रेम और दाम्पत्य का अद्भुत ग्रन्थ ‘कामसूत्र’ दिया हो, जिसके मन्दिरों में प्रेमरत युगल अंकित हों जिसके देवता प्रेम...
भारतीय ज्ञान परम्परा से संवाद का प्रतिफल है प्रसिद्ध राजनीतिक शास्त्री मणीन्द्र नाथ ठाकुर की पुस्तक ‘ज्ञान की राजनीति: समाज अध्ययन और भारतीय चिंतन’. मणीन्द्र नाथ ठाकुर के लेखन की...
नारीवाद आधुनिक विश्व के कुछ महत्वपूर्ण विचारों में से एक है, यह जनांदोलन भी है और राजनीति भी. समानता, स्वतंत्रता और व्यक्ति की गरिमा जैसे मूल्यों से उपजे इसी नारीवाद...
इधर गम्भीर विमर्शों में जवाहरलाल नेहरू की वापसी हुई है, जिस तरह से उन्हें सार्वजनिक जगहों और स्मृतियों से बेदखल करने के सुनियोजित षड्यंत्र हुए हैं, उसकी यह स्वाभाविक प्रतिक्रिया...
इसी वर्ष महत्वपूर्ण आलोचक रविभूषण की वैचारिक पुस्तक ‘कहाँ आ गये हम वोट देते-देते’ सेतु से प्रकाशित हुई है. वे हिंदी के कुछ गिने चुने आलोचकों में हैं जिनकी आलोचना...
ब्रिटिश सरकार ने 1871 में ‘Criminal Tribes Act’ लागू किया था जिसके अंतर्गत लगभग डेढ़ सौ जनजातियों (190 के करीब समुदाय) को जन्मजात अपराधी घोषित कर दिया गया, उन्हें कभी...
राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के विद्वान प्रो. पॉल रिचर्ड ब्रास (जन्म: 8 नवम्बर 1936, अमेरिका) ने लगभग पांच दशकों से अपनी रुचि और अध्ययन का क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप को...
आज़ादी के बाद की भारतीय राजनीति को जिन विचारकों ने गहरे प्रभावित किया उनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया का नाम प्रमुखता से आता है. आज उनका जन्म दिन है पर...
महात्मा गांधी की हत्या भारत पर ऐसा कलंक है जिससे वह चाह कर भी छुपा नहीं सकता, उससे बच नहीं सकता. महात्मा गांधी ख़ुद मृत्यु के विषय में क्या सोचते...
जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत का महीना है, ३० जनवरी को उनकी शहादत के ७४ साल हो जाएंगे. इन वर्षों में गांधी का भारत बदल गया है, उनके आदर्शों...
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