आलेख

वीस्वावा शिम्बोर्स्का के सौ साल: निधीश त्यागी

वीस्वावा शिम्बोर्स्का के सौ साल: निधीश त्यागी

वीस्वावा शिम्बोर्स्का से हिंदी साहित्यिक समाज सुपरिचित है. अशोक वाजपेयी, प्रो. मैनेजर पाण्डेय, विष्णु खरे, विजय कुमार, मंगलेश डबराल, राजेश जोशी, असद ज़ैदी, कुमार अम्बुज, विजय अहलूवालिया, हरिमोहन शर्मा, विनोद...

नारायण सुर्वे: शरद कोकास

नारायण सुर्वे: शरद कोकास

भारतीय साहित्य चोरों के प्रति सहृदय है. और चोरों ने भी समय-समय पर साहित्य के प्रति अपनी सहृदयता प्रकट करने में कोई कसर नहीं उठा रखी है. ‘मृच्छकटिकम्’ में वह...

ग़ुलाम भारत में रेल, हिन्दी पत्रकारिता और स्त्री शिक्षा: सुजीत कुमार सिंह

ग़ुलाम भारत में रेल, हिन्दी पत्रकारिता और स्त्री शिक्षा: सुजीत कुमार सिंह

रेल के आवागमन से सामाजिक गतिशीलता को तीव्रता मिली. साथ ही इससे औपनिवेशिक भारत में कुछ मुश्किलें भी पैदा हुईं. ख़ासकर यात्रा के समय स्त्रियों को जो अधिकतर पर्दे में...

एक आँख में शहर, दूसरी में किताब: अनुराधा सिंह

एक आँख में शहर, दूसरी में किताब: अनुराधा सिंह

मुंबई महाकाव्य है. अंतहीन अध्यायों का उपन्यास. शहरों को पढ़ना, सभ्यता को बदलते हुए देखना है. विजय कुमार की पुस्तक ‘शहर जो खो गया’ मुंबई में ‘बम्बई’ की तलाश है...

वाल्मीकि रामायण का समानांतर पारायण (2):  चंद्रभूषण

वाल्मीकि रामायण का समानांतर पारायण (2): चंद्रभूषण

यह वाल्मीकि रामायण के समानांतर पारायण का दूसरा और अंतिम हिस्सा है. इसकी विश्लेषणपरक तार्किकता ने महाकाव्यों को वस्तुपरक ढंग से पढ़ने की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है....

वाल्मीकि रामायण का समानांतर पारायण: चंद्रभूषण

वाल्मीकि रामायण का समानांतर पारायण: चंद्रभूषण

यह भारतीय साहित्य और प्रकारांतर से समाज में व्यवस्था और न्याय की तलाश है. चंद्रभूषण अध्ययन, मनन और खुली दृष्टि के ऐसे लेखक हैं जो समस्या के मूल को समझने...

लोक के जवाहर: शुभनीत कौशिक

लोक के जवाहर: शुभनीत कौशिक

लोक-गीत संवेदना, चेतना और दृष्टि के सामूहिक स्वर हैं इसलिए अक्सर इन गीतों का कोई एक गीतकार नहीं होता. आज़ादी के संघर्ष को भोजपुरी भाषा भी दर्ज कर रही थी....

अरुण कोलटकर (3): अरुण खोपकर

अरुण कोलटकर (3): अरुण खोपकर

अरुण कोलटकर जैसे कवि-कलाकार किसी भाषा में कभी-कभी ही संभव होते हैं. वह दो भाषाओं में एक साथ हुए. ऐसे कवियों को समझने वाले भावक भी दुर्लभ ही होते हैं....

अरुण कोलटकर (2) : अरुण खोपकर

अरुण कोलटकर (2) : अरुण खोपकर

अरुण बालकृष्ण कोलटकर (1 नवंबर, 1932 - 25 सितंबर 2004) मराठी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के महत्वपूर्ण कवि हैं. उनकी कविताओं की निर्मिति को बारीकी से अरुण खोपकर ने समझा...

अरुण कोलटकर: अरुण खोपकर

अरुण कोलटकर: अरुण खोपकर

अरुण बालकृष्ण कोलटकर (1 नवंबर, 1932 - 25 सितंबर 2004) विश्व के बड़े कवियों में से एक हैं. वह कबीर के बाद एकमात्र भारतीय कवि हैं जिन्हें ‘न्यूयॉर्क रिव्यू ऑफ...

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