आलेख

सरहपा का सौन्दर्य: निरंजन सहाय

सरहपा का सौन्दर्य: निरंजन सहाय

चौरासी सिद्धों में से कुछ ही सिद्धों के विषय में थोड़ा बहुत हम जानते हैं. सरहपा उन्हीं में से एक हैं. उनका व्यक्तित्व और लेखन दोनों क्रांतिकारी है. निश्चय ही...

लेखन और चिंतन का स्त्री-अध्याय: रविभूषण

लेखन और चिंतन का स्त्री-अध्याय: रविभूषण

वरिष्ठ आलोचक रविभूषण का यह आलेख स्त्री-चिंतन और लेखन पर निगाह डालता है. प्रारंभ, परम्परा और विकास दर्ज करता है. विश्व के स्त्री-विचारकों और लेखकों को समझते और संदर्भित करते...

मनुष्य और प्रकृति के अद्वैत की कहानियाँ : नरेश गोस्वामी

मनुष्य और प्रकृति के अद्वैत की कहानियाँ : नरेश गोस्वामी

वरिष्ठ कथाकार अशोक अग्रवाल की प्रकृति से मनुष्य के एकात्म पर आधारित चार कहानियों पर समाज विज्ञानी और कथाकार नरेश गोस्वामी का यह आलेख बेहद दिलचस्प है. यह कहानियों को...

जीवनानन्द दाश : एक उदास  कवि: कल्लोल चक्रवर्ती

जीवनानन्द दाश : एक उदास कवि: कल्लोल चक्रवर्ती

वरिष्ठ लेखक-संपादक गिरधर राठी जीवनानन्द दाश की कालजयी कविता ‘वनलता सेन’ के विषय में लिखते हैं, ‘दशकों से, अर्थ विवेचन से अधिक इस कविता का नाद सौंदर्य, इसका संगीत, और...

परसाई और हिंदी व्यंग्य: विष्णु नागर

परसाई और हिंदी व्यंग्य: विष्णु नागर

हिंदी के सबसे बड़े व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की जन्मशती को मनाने का सबसे सार्थक तरीका तो यही है कि अब तक वह जहाँ नहीं पहुंचे हैं वहाँ पहुंचें. हर घर...

शंख घोष की उपस्थिति: प्रयाग शुक्ल

शंख घोष की उपस्थिति: प्रयाग शुक्ल

बांग्ला भाषा के महत्वपूर्ण कवि शंख घोष (5/2/1932- 21/4 2021) की स्मृति में हिंदी के कवि और अनुवादक प्रयाग शुक्ल आज 5 फरवरी को रवीन्द्र ओकाकुरा भवन, कोलकाता में स्मृति...

उतारकर चश्मा आँखों का: अरुण खोपकर

उतारकर चश्मा आँखों का: अरुण खोपकर

गांधी की हत्या ने गांधी के हत्यारों के मंसूबों को कुछ दशकों तक अमल में आने से रोक दिया था. उनका सम्पूर्ण जीवन ही महाकाव्य है. वह खुद एक कविता...

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