आत्म

अंग्रेज़ी साहित्य के गलियारे से : मनीषा कुलश्रेष्ठ

अंग्रेज़ी साहित्य के गलियारे से : मनीषा कुलश्रेष्ठ

शेक्सपीयर, वर्ड्सवर्थ, वाल्टर स्कॉट, कीट्स, चार्ल्स डिकेन्स, लुईस कैरोल, आर्थर कानन डायल, ऑस्कर वाइल्ड, सिगमंड फ्रायड (जर्मन मनोचिकित्सक), तथा जेम्स जॉयस आदि बहुत ही महत्वपूर्ण लेखक हैं. कथाकार मनीषा कुलश्रेष्ठ...

आम आँसुओं की दुनिया : तेजी ग्रोवर

आम आँसुओं की दुनिया : तेजी ग्रोवर

पिंजरे में क़ैद किसी घायल पक्षी की तड़प. विख्यात लेखिका तेजी ग्रोवर के इस ‘आत्मगल्प’ को पढ़ते हुए यह बिम्ब सामने आ खड़ा होता है. बटवारे के बाद उजड़े परिवारों...

विष्णु खरे की आत्मकहानी : प्रकाश मनु

विष्णु खरे की आत्मकहानी : प्रकाश मनु

अप्रतिम कवि, लेखक, अनुवादक विष्णु खरे का आज स्मृति दिवस है. विष्णु खरे का जीवन बीहड़ और अप्रत्याशित रहा है. एक दुर्जेय मेधा किस तरह से नए भारत में निर्वासित...

इबारतें: जयशंकर

इबारतें: जयशंकर

किसी लेखक का तलघर उसकी उन टिप्पणियों में कहीं होता है जो वह पढ़ते, देखते, सोचते हुए कहीं लिख लेता है. लिखते वक्त शायद ही उसके ज़ेहन में होता हो...

स्मृतियाँ: सदन झा

स्मृतियाँ: सदन झा

सदन झा इतिहास के अध्येता हैं, ‘देवनागरी जगत की दृश्य संस्कृति’ उनकी चर्चित पुस्तक है. प्रस्तुत गद्य-पद्य में स्मृति के अनेक रूपाकार आपको दिखेंगे.

कोई समाज जनसंहार को किस तरह याद रखता है?: सुभाष गाताडे

कोई समाज जनसंहार को किस तरह याद रखता है?: सुभाष गाताडे

‘एक व्यक्ति पूरी तरह विस्मृत तभी होता है जब उसका नाम विस्मृत होता है.’ यह कथन कितना कठोर और वास्तविक है. हिटलर ने जर्मनी में यहूदियों के नामों निशाँ मिटाने...

मैंने नामवर को देखा था: प्रकाश मनु

मैंने नामवर को देखा था: प्रकाश मनु

नामवर सिंह जीते जी विवादों के केंद्र में रहे, ये विवाद अधिकतर वैचारिक होते थे और उनके लिखे-बोले पर आधारित थे. इधर फिर वह चर्चा में हैं, चर्चा उनके जीवन-प्रसंगों...

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