सरमद और कृष्ण कल्पित की कविता : शंभु गुप्त
(Sarmad Shahid : painting by Sadequain)‘मंसूर की ख़ता न थी साकी ने सब कियाइतनी कड़ी पिला दी कि दीवाना कर ...
(Sarmad Shahid : painting by Sadequain)‘मंसूर की ख़ता न थी साकी ने सब कियाइतनी कड़ी पिला दी कि दीवाना कर ...
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