मैं और मेरी कविताएँ (बारह): विनोद दास
विनोद दास हिन्दी के सुपरिचित कवि-संपादक हैं, उनकी कविताएँ समय के विरूप और विडम्बनाओं से भरे दृश्यों से अपना आकार ...
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विनोद दास हिन्दी के सुपरिचित कवि-संपादक हैं, उनकी कविताएँ समय के विरूप और विडम्बनाओं से भरे दृश्यों से अपना आकार ...
अनुराधा सिंह ने अपने वक्तव्य में लिखा है कि कवियों को ग़ैर ज़रूरी होना आना चाहिए. कविता भी जिसे हमें ...
‘मैं और मेरी कविताएँ’ स्तम्भ के अंतर्गत समकालीन महत्वपूर्ण कवियों की कविताएँ और वे ‘कविता क्यों लिखते हैं’ विषयक उनका ...
कवि अपनी कविताओं या कविता के विषय में क्या सोचते हैं ? इस रचनात्मक जिज्ञासा के साथ समालोचन यह स्तम्भ ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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