‘लो सँभालो अपनी दुनिया हम चले’: पंकज चौधरी
'लोग अच्छे हैं बहुत दिल में उतर जाते हैं/ इक बुराई है तो बस ये है कि मर जाते हैं.' ...
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'लोग अच्छे हैं बहुत दिल में उतर जाते हैं/ इक बुराई है तो बस ये है कि मर जाते हैं.' ...
बांग्ला कविताओं की अपनी जमीन है, उस में आदिम मनुष्यता की बची हुई जो महक है, प्रेम की लरजती हुई ...
२०१६ का ५२ वां ज्ञानपीठ पुरस्कार आधुनिक बांग्ला साहित्य के जानेमाने कवि शंख घोष को दिए जाने की घोषणा हुई ...
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