सांस्कृतिक हिंसा के रुप (राजाराम भादू) : हरियश राय
सांस्कृतिक हिंसा के रुपराजाराम भादू प्रकाशक प्राकृत भारती अकादमी, जयपुरप्रथम संस्करण : 2020 / मूल्य रु 320/संस्कृति के सवालों को लेकर लिखने वाले आलोचक, ...
सांस्कृतिक हिंसा के रुपराजाराम भादू प्रकाशक प्राकृत भारती अकादमी, जयपुरप्रथम संस्करण : 2020 / मूल्य रु 320/संस्कृति के सवालों को लेकर लिखने वाले आलोचक, ...
गीतांजलि श्री के चार उपन्यास- 'माई', 'हमारा शहर उस बरस', 'तिरोहित', 'खाली जगह' और चार कहानी-संग्रह- 'अनुगूँज', 'वैराग्य', 'प्रतिनिधि कहानियाँ', ...
वरिष्ठ कथाकार संजीव का उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ तद्भव (नवम्वर-२०१९) में प्रकाशित हुआ था और तभी से इसकी चर्चा शुरू हो ...
विश्व के लगभग सभी हिस्सों से स्त्रियों द्वारा लिखी कहानियों के हिंदी अनुवाद का यह संचयन सिद्ध करता है कि ...
मानदा देवी द्वारा लिखित और १९२९ में बांग्ला भाषा में प्रकाशित ‘एक विदुषी पतिता की आत्मकथा’ संभवतः भारत में प्रकाशित ...
अभिनेत्री साधना के जीवन पर आधारित प्रबोध कुमार गोविल की किताब ‘ज़बाने यार मनतुर्की’ का प्रकाशन बोधि ने किया है. ...
आवरण : तेजी ग्रोवर सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर संस्करण : २०२० मूल्य : २०० रुपये रुस्तम कवि ...
(किताब)चर्चित कथाकार प्रवीण कुमार का दूसरा कहानी संग्रह ‘वास्को डी गामा की साइकिल’ अभी-अभी ही राजपाल से प्रकाशित हुआ है. ...
ज्ञान चंद्र बागड़ी समाजशास्त्र और मानवशास्त्र के अध्ययन-अध्यापन से जुड़े हैं. उनके पहले उपन्यास \'आख़िरी गाँव\' का प्रकाशन वाणी ने ...
भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नेताओं का वकालत और लेखन से गहरा सम्बन्ध था, इनमें से बहुत तो पत्र-पत्रिकाओं के संपादक ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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