मुंबई जाने वाले लौट कर नहीं आते: अरविंद दास
थियेटर और फ़िल्मों का नज़दीकी रिश्ता तो है पर जो फ़िल्मों का हो गया, थियेटर के पास कभी-कभार ही आता ...
थियेटर और फ़िल्मों का नज़दीकी रिश्ता तो है पर जो फ़िल्मों का हो गया, थियेटर के पास कभी-कभार ही आता ...
आलोचनात्मक विवेक के प्रसार की अपनी ज़िम्मेदारी से आज हिंदी मीडिया दूर जा चुकी है. वह अधिकांशतः कारोबारी है. जिस ...
दरभंगा घराने के प्रसिद्ध ध्रुपद गायक राम कुमार मल्लिक को इस वर्ष के पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा ...
पचास हज़ार डॉलर के अन्तर्राष्ट्रीय पेन/नाबाकोव पुरस्कार के कारण विश्व स्तर पर विनोद कुमार शुक्ल चर्चा के विषय बने हुए ...
समझ में नहीं आता कि माध्यम को दोष दिया जाए कि जिनके हाथों में वह है उन्हें. टीवी की शुरुआत ...
पत्रकार अरविंद दास हिंदी में मीडिया के सरोकारों को समझने और उसपर लिखने वाले लेखक हैं. ‘अनुज्ञा बुक्स’ से उनकी ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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