दि मिनिस्ट्री ऑव अटमोस्ट हैप्पीनेस: चन्दन पाण्डेय
बुकर पुरस्कार से सम्मानित ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ (१९९७) के बीस साल बाद अरुंधति रॉय का दूसरा उपन्यास प्रकाशित ...
बुकर पुरस्कार से सम्मानित ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ (१९९७) के बीस साल बाद अरुंधति रॉय का दूसरा उपन्यास प्रकाशित ...
चन्दन पाण्डेय अपनी पीढ़ी के प्रतिनिधि कथाकार हैं. उनके तीन कहानी संग्रह ‘भूलना’, ‘इश्कफरेब’ और ‘जंक्शन’ प्रकाशित हैं. ज्ञानपीठ नवलेखन ...
हिंदी कहानी में युवा रचनाशीलता के प्रतिनिधि के रूप में चंदन पाण्डेय समादृत हैं. समय और समाज को देखने का ...
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