कौन हैं भारत माता ? : आनंद पाण्डेय
‘‘हम हिन्दुस्तानियों को सुदूर और प्राचीन की तलाश में देश के बाहर नहीं जाना है, उसकी हमारे पास बहुतायत है. अगर ...
‘‘हम हिन्दुस्तानियों को सुदूर और प्राचीन की तलाश में देश के बाहर नहीं जाना है, उसकी हमारे पास बहुतायत है. अगर ...
(फोटो आभार : वीरेन्द्र गुसाईं) ‘भूख के अहसास को शेरो सुखन तक ले चलो.या अदब को मुफ़लिसों की अंजुमन तक ले ...
हिन्दी आलोचना की राजनीति आनन्द पाण्डेय यह लेख हिंदी आलोचना की विचारधारा की यात्रा है. आनन्द ने सहज ढंग ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum