उपन्यास के भारत की स्त्री (चार) : आशुतोष भारद्वाज
(Amrita Shergil : Self-portrait)‘उपन्यास के भारत की स्त्री’ के अंतर्गत अब प्रस्तुत है समापन क़िस्त ‘स्त्री का एकांत: अपूर्णता का ...
(Amrita Shergil : Self-portrait)‘उपन्यास के भारत की स्त्री’ के अंतर्गत अब प्रस्तुत है समापन क़िस्त ‘स्त्री का एकांत: अपूर्णता का ...
(by DianeFeissel voilee)मुहम्मद हादी रुसवा ने ‘उमराव जान अदा’ उपन्यास में तवायफ उमराव की कथा कह दी, कम लोग जानते ...
(by Annem Zaidi)उपन्यासों के उदय को राष्ट्र-राज्यों की निर्मिति से जोड़ कर देखा जाता है. ‘वंदे मातरम्’ उपन्यास की ही ...
( by Rabindranath Tagor)उपन्यासों को आधुनिक युग का महाकाव्य कहा जाता है. आधुनिकता, जनतंत्र और राष्ट्र-राज्यों के उदय से उनका गहरा ...
स्मरण गजानन माधव मुक्तिबोध (१३ नवम्बर १९१७ ...
(माओवादियों का ताड़मेटला हमले की याद में बनाया स्मारक. ये हिंदुस्तान में कहीं भी बना माओवादियों कासबसे बड़ा स्मारक है.)इंडियन ...
वर्चस्व की सभी सत्ताओं के समानांतर प्रतिरोध और असहमति का प्रति संसार भी है. लम्बे अंतराल में उनके रूप बदल ...
‘लेखक का सिनेमा’ कुँवर नारायण की एक ऐसी कृति है जिसमें १९७६ से लेकर २००८ तक के लिखे उनके लेख ...
फोटो : कविता वाचक्नवीअशोक वाजपेयी हिंदी आलोचना में अपनी प्रेम कविताओं के कारण चर्चित, प्रशंसित और निंदित रहे हैं. पर ...
परम्परा से परे जाने के लिए भी परम्परा को पार करना होता है. धँस कर गहरे अंदर. कलाओं में इसीलिए ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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