खेतिहर : प्रेमशंकर शुक्ल की बीस कविताएँ
‘कवि भीपरती खेत का गहरा दुख ठीक से न कह पाने परहो रहा है निराश-हताश’कवि प्रेमशंकर शुक्ल विषय केन्द्रित कविताएँ लिखते ...
‘कवि भीपरती खेत का गहरा दुख ठीक से न कह पाने परहो रहा है निराश-हताश’कवि प्रेमशंकर शुक्ल विषय केन्द्रित कविताएँ लिखते ...
नदियाँ धरती की कविताएँ हैं और वन कथाएं. लोक ने नदियों की भी प्रेम-कथा बुन ली है. प्रेम बिना त्रिकोण ...
कला अनुशासनों पर आधारित कविताओं का संग्रह ‘जन्म से ही जीवित है पृथ्वी’ प्रेमशंकर शुक्ल का पांचवाँ कविता संग्रह है. ...
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