बटरोही : हम तीन थोकदार (ग्यारह )
उत्तराखंड की संस्कृति, समाज और साहित्य पर आधारित वरिष्ठ कथाकार बटरोही का स्तम्भ ‘हम तीन थोकदार’ आप समालोचन पर पढ़ ...
उत्तराखंड की संस्कृति, समाज और साहित्य पर आधारित वरिष्ठ कथाकार बटरोही का स्तम्भ ‘हम तीन थोकदार’ आप समालोचन पर पढ़ ...
हिंदी के वरिष्ठ कथाकार बटरोही के ‘तीन थोकदार’ संस्कृति, राजनीति, साहित्य और समाज के अलग-अलग क्षेत्रों की यात्रा करते हुए ...
हिंदी के वरिष्ठ कथाकार बटरोही के ‘हम तीन थोकदार’ की नौवीं क़िस्त प्रसिद्ध लेखिका शिवानी और उनके कथा-संसार के इर्दगिर्द ...
शैलेश मटियानी बीहड़ अनुभव के कथाकार थे,ख़ासकर पहाड़ के दुर्गम और अलक्षित जीवन और संवेदना के. आंचलिकता में वह रेणु ...
हम तीन थोकदार का एक थोकदार ख़ुद इस आख्यान का लेखक है और वह किस तरह से पहाड़ के एक ...
हिंदी के वरिष्ठ कथाकार-उपन्यासकार बटरोही इधर ‘हम तीन थोकदार’ शीर्षक से आख्यान लिख रहें हैं जिसे आप समालोचन पर क्रमश: ...
वरिष्ठ कथाकार बटरोही इधर ‘हम तीन थोकदार’ शीर्षक से अपने समय और इसमें शामिल उस भूत को लिख रहें हैं ...
वरिष्ठ कथाकार बटरोही के आख्यान ‘हम तीन थोकदार’ की यह चौथी क़िस्त थोकदारों के पुरखों की प्रचलित किम्वदंतियों, लोक-विश्वासों, इतिहास ...
वरिष्ठ कथाकार बटरोही के आख्यान ‘हम तीन थोकदार’ की यह तीसरी क़िस्त है. लॉक डाउन से होते हुए बचपन, आस ...
वरिष्ठ कथाकार बटरोही के आख्यान ‘हम तीन थोकदार’ की यह दूसरी किश्त है. इतिहास, संस्कृति, और मिथक कैसे बनते और ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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