रुद्र मुहम्मद शहीदुल्लाह : अनुवाद : सुलोचना वर्मा और शिव किशोर तिवारी
हमारे आस –पास हमारी अपनी भाषाओँ में कितना कुछ लिखा जा रहा है, हिंदी को सबकी खोज खबर रखनी चाहिए. ...
हमारे आस –पास हमारी अपनी भाषाओँ में कितना कुछ लिखा जा रहा है, हिंदी को सबकी खोज खबर रखनी चाहिए. ...
बांग्ला कविताओं की अपनी जमीन है, उस में आदिम मनुष्यता की बची हुई जो महक है, प्रेम की लरजती हुई ...
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