बहसतलब

शिल्प की कैद से बाहर : अशोक कुमार पाण्डेय

शिल्प की कैद से बाहर : अशोक कुमार पाण्डेय

पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी  'नाकोहस'  पर राकेश बिहारी का आलेख- 'कहानी कहने की दुविधा और मजबूरी के बीच' आपने पढ़ा. अपने आलोचनात्मक आलेख 'शिल्प की कैद से  बाहर' के माध्यम से  इस कहानी पर...

बहसतलब : २ : कविता और समाज : गिरिराज किराडू

साहित्य के भविष्य पर आयोजित बहसतलब -२ की अगली कड़ी में कवि - संपादक गिरिराज किराडू का आलेख. कविता की पहुंच और उसकी लोकप्रियता पर गिरिराज ने कुछ दिलचस्प आकड़े एकत्र किए...

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