आशीष बिहानी की कविताएँ आपके समक्ष हैं. उजाड़ अवसाद, अप्रवास और यूटोपिया के अनेक धूसर रंगों से लिखी इन कविताओं...
एक थी मैना एक था कुम्हार (उपन्यास)लेखक – हरि भटनागर प्रकाशक – रचना समय, भोपालपृष्ठ संख्या – 180मूल्य – 300 रुपयेसमीक्षातुम...
यह संस्मरण जितना कालिया जी पर है उतना ही इसमें मनोज खुद शामिल हैं, इलाहाबाद, कोलकाता, दिल्ली भी शामिल है....
संस्कृत बोलचाल और कार्य व्यापार की भाषा अब नहीं रही. पर इस महान शास्त्रीय भाषा में अब भी साहित्य रचा...
José de Sousa Saramago (16 November 1922 – 18 June 2010) पुर्तगाली लेखक हैं. साहित्य के लिए उन्हें 1998 का ...
महेश वर्मा की कविताएँ हिंदी कविता में बहुत कुछ जोड़ती हैं. उनकी कुछ नयी कविताएँ प्रस्तुत हैं.
Ward, 1970-71 : George TookerAlienation(अलगाव,विलगाव, अपरिचय, अजनबीपन आदि) का सिद्धांत न केवल समाज विज्ञान में बल्कि सहित्य में भी महत्वपूर्ण माना...
‘रीझि कर एक कहा प्रसंग’ ‘एडिटर च्याव्स’ किस्म का कालम है. आज यहाँ विष्णु खरे (9 फरवरी, 1940) की एक कविता...
कफ़न प्रेमचन्द की आखिरी कहानी है. यह मूल रूप में उर्दू में लिखी गयी थी. ‘जामिया मिल्लिया इस्लामिया’ की पत्रिका...
‘डार से बिछुड़ी’, ‘मित्रो मरजानी’, ‘यारों के यार : तिन पहाड़’, ‘सूरजमुखी अंधेरे के’, ‘सोबती एक सोहबत’, ‘जिंदगीनामा’, ‘ऐ लड़की’,...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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