समीक्षा

स्याही की गमक (यादवेन्द्र) : गीता दूबे

विश्व के लगभग सभी हिस्सों से स्त्रियों द्वारा लिखी कहानियों  के हिंदी अनुवाद का यह संचयन सिद्ध करता है कि इस धरती पर स्त्री की स्थिति हरजगह कमोबेश एक जैसी...

एक विदुषी पतिता की आत्मकथा (मानदा देवी) : विमल कुमार

मानदा देवी द्वारा लिखित और १९२९ में बांग्ला भाषा में प्रकाशित ‘एक विदुषी पतिता की आत्मकथा’ संभवतः भारत में प्रकाशित किसी वेश्या की पहली आत्मकथा है. जिसका अनुवाद नब्बे साल...

वास्को डी गामा की साइकिल (प्रवीण कुमार): सत्यप्रकाश सिंह

(किताब)चर्चित कथाकार प्रवीण कुमार का दूसरा कहानी संग्रह ‘वास्को डी गामा की साइकिल’ अभी-अभी ही राजपाल से प्रकाशित हुआ है. इसमें सात कहानियाँ शामिल हैं. इनमें से एक ‘सिद्ध पुरुष’...

आख़िरी गाँव (ज्ञान चंद बागड़ी) : रामानंद राठी

  ज्ञान चंद्र बागड़ी समाजशास्त्र और मानवशास्त्र के अध्ययन-अध्यापन से जुड़े  हैं. उनके पहले उपन्यास \'आख़िरी गाँव\' का प्रकाशन वाणी ने किया है. इसकी चर्चा कर रहें हैं -  रामानंद राठीआख़िरी...

उमा नेहरु और स्त्रियों के अधिकार (प्रज्ञा पाठक) : ललिता यादव

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नेताओं का वकालत और लेखन से गहरा सम्बन्ध था, इनमें से बहुत तो पत्र-पत्रिकाओं के संपादक भी रहें हैं. स्त्रियाँ भी इसमें पीछे नहीं थीं. राजनेता,...

प्रचण्ड प्रवीर : ऋजुता का ही विस्तार हैं सारी वक्रताएँ : आनन्द वर्धन द्विवेदी

प्रचण्ड प्रवीर के ‘उत्तरायण’ में मकर, कुम्भ, मीन, मेष, वृष, मिथुन तथा ‘दक्षिणायन’ में कर्क, सिंह,कन्या, वृश्चिक संक्रांति तथा धनु शीर्षक से कहानियां संकलित है. इधर प्रवीर ने  उपनिषदों को...

मैनेजर पाण्डेय : ‘बतकही’ से ‘साधना’ तक : रविभूषण

मैनेजर पाण्डेय : ‘बतकही’ से ‘साधना’ तक : रविभूषण

अस्सीवें में पहुंच रहे मैनेजर पाण्डेय अपने लेखन में नियमित हैं. इधर पांच वर्षों में मेरे देखने में उनकी पांच किताबें प्रकाशित हुईं हैं- ‘लोकगीतों और गीतों में १८५७’, ‘मुग़ल...

राजा, जंगल और काला चाँद (तरुण भटनागर) : उमेश गोंहजे

कथाकार तरुण भटनागर का उपन्यास, ‘राजा,जंगल,और काला चाँद’ आधार प्रकाशन से २०१९ में प्रकाशित हुआ था, जो ४१ अध्यायों में विभक्त है. इनके नाम दिलचस्प और मानीख़ेज़ हैं जैसे- राजा...

पहल का कहानी विशेषांक : सूरज पालीवाल

हिंदी की साहित्यिक पत्रकारिता में ज्ञानरंजन द्वारा संपादित ‘पहल’ का योगदान शानदार है, वह कई दशकों से साहित्य और विचार की महत्वपूर्ण पत्रिका बनी हुई है.  इस विकट समय में...

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