समीक्षा

करघे से बुनी औरत : शिव किशोर तिवारी

करघे से बुनी औरत : शिव किशोर तिवारी

कविताएँ हमेशा की तरह खूब लिखी जा रही हैं, तमाम माध्यमों से उनके प्रकाशन की बहुलता २१ वीं सदी की विशेषता है. कविताओं को जितना ‘देखा’ और ‘पसंद’ किया जा...

लेखक का सिनेमा: आशुतोष भारद्वाज

लेखक का सिनेमा: आशुतोष भारद्वाज

‘लेखक का सिनेमा’  कुँवर नारायण की एक ऐसी  कृति है जिसमें १९७६ से लेकर २००८ तक के लिखे उनके लेख शामिल हैं,जिसका सुरुचिपूर्ण संपादन कवि गीत चतुर्वेदी ने किया है....

और अन्य कविताएं (विष्णु खरे ) : ओम निश्चल

विष्णु खरे की कविताओं का एक प्रतिनिधि संकलन राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित हुआ है. कविताओं का चयन कवि केदारनाथ सिंह ने किया है. भूमिका में केदारनाथ जी लिखते हैं– “एक...

दि मिनिस्ट्री ऑव अटमोस्ट हैप्पीनेस: चन्दन पाण्डेय

दि मिनिस्ट्री ऑव अटमोस्ट हैप्पीनेस: चन्दन पाण्डेय

बुकर पुरस्कार से सम्मानित ‘द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स’ (१९९७) के बीस साल बाद अरुंधति रॉय का दूसरा उपन्यास प्रकाशित हुआ है. – ‘दि मिनिस्ट्री ऑव अटमोस्ट हैप्पीनेस’. ज़ाहिर है...

परख : एक थी मैना एक था कुम्हार (उपन्यास ) : राकेश बिहारी

एक थी मैना एक था कुम्हार (उपन्यास)लेखक – हरि भटनागर प्रकाशक – रचना समय, भोपालपृष्ठ संख्या – 180मूल्य – 300 रुपयेसमीक्षातुम चुप क्यों हो मैना?            ...

विष्णु खरे : सिने-आलोचना का (भारतीय-हिन्दू?) रस-सिद्धांत

नाटक से सम्बन्धित पहला व्यवस्थित कार्य भरतमुनि का नाट्यशास्त्र है. यह उसके अन्वेषण, प्रयोगात्मक परीक्षण, प्रस्तुतीकरण और उसकी संवेदना का पहला प्रामाणिक अध्ययन है. ऐतिहासिक संदर्भो में नाटक के उद्भव...

परख : हत्या की पावन इच्छाएँ (भालचन्द्र जोशी) : राकेश बिहारी

प्रेम, प्रकृति और पुनर्वास का त्रिकोण       राकेश बिहारी <!--> पुस्तक       : हत्या की पावन इच्छाएं              (कहानी-संग्रह)लेखक       : भालचन्द्र जोशी प्रकाशक      :...

परख : हलंत (हृषीकेश सुलभ): राकेश बिहारी

वरिष्ठ कथाकार और रंगकर्मी हृषीकेश सुलभ ने आज अपने सक्रिय जीवन के साठ वर्ष पूरे किये हैं. इसी वर्ष उनका नया कहानी संग्रह भी प्रकशित हुआ है. इस संग्रह की...

परख : हाता रहीम (वीरेंद्र सारंग) : राकेश बिहारी

जनगणना में आमजन     राकेश बिहारी <!--> पुस्तक       : हाता रहीम (उपन्यास)लेखक       : वीरेंद्र सारंग प्रकाशक      :  राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली पृष्ठ संख्या   :...

परख : हुल पहाड़िया (उपन्यास) – राकेश कुमार सिंह : राकेश बिहारी

नेपथ्य का नायक – तिलका मांझी       राकेश बिहारी बाहरीशक्तियों द्वारा किसी समाज या समुदाय विशेष की पहचान और अस्मिता के अतिक्रमण तथा उसके विरोध की कड़ियों के दस्तावेजीकरण से...

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