निज घर : कृष्णा सोबती : एक सोहबत : गरिमा श्रीवास्तव
‘डार से बिछुड़ी’, ‘मित्रो मरजानी’, ‘यारों के यार : तिन पहाड़’, ‘सूरजमुखी अंधेरे के’, ‘सोबती एक सोहबत’, ‘जिंदगीनामा’, ‘ऐ लड़की’, ‘समय सरगम’, ‘जैनी मेहरबान सिंह’, ‘बादलों के घेरे’, ‘हम हशमत’...
‘डार से बिछुड़ी’, ‘मित्रो मरजानी’, ‘यारों के यार : तिन पहाड़’, ‘सूरजमुखी अंधेरे के’, ‘सोबती एक सोहबत’, ‘जिंदगीनामा’, ‘ऐ लड़की’, ‘समय सरगम’, ‘जैनी मेहरबान सिंह’, ‘बादलों के घेरे’, ‘हम हशमत’...
गोरख पांडेय (१९४५ – ८९, देवरिया)जे.एन.यू से ज्यां पाल सात्र के अस्तित्ववाद में अलगाव के तंतुओं पर पी.एच.-डी.जागते रहो सोने वालों और स्वर्ग से विदाई कविता संग्रह प्रकाशित भोजपुरी में भी...
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