क़ातिल की बीबी: तरुण भटनागर
‘गुलमेहंदी की झाड़ियाँ’, ‘भूगोल के दरवाजे पर’, ‘जंगल में दर्पण’ (कहानी संग्रह), लौटती नहीं जो हंसी (उपन्यास) आदि के लेखक ...
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‘गुलमेहंदी की झाड़ियाँ’, ‘भूगोल के दरवाजे पर’, ‘जंगल में दर्पण’ (कहानी संग्रह), लौटती नहीं जो हंसी (उपन्यास) आदि के लेखक ...
कथाकार तरुण भटनागर के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास ‘कफ़स’ में एक चरित्र है- अदीब. जब वह पैदा हुआ तब उसके शरीर ...
भूमंडलोत्तर कहानी विमर्श के अंतर्गत प्रस्तुत है तरुण भटनागर की कहानी – ‘दादी, मुल्तान और टच एंड गो’ पर आलोचक राकेश बिहारी का आलेख – ...
हँसी का नियोजित अकस्मात राकेश बिहारी\" `हमको चूतिया समझे हो. बट्टू की खलिहान वाली हंसी ...
कथाकार तरुण भटनागर द्वारा यूजेन आयोनेस्क के नाटक ‘लैसन’ के हिंदी अनुवाद ‘पाठ’ पर यह वक्तव्य पढ़ने योग्य है.किताब : तरुण भटनागर ...
हिंदी कथा जगत में भारत और पाकिस्तान के बटवारे को केंद्र में रखकर बमुश्किल कुछ कहानियाँ हैं. बड़ी मानवीय त्रासदियाँ ...
युवा चर्चित कथाकार तरुण भटनागर की कहानिओं में आदिम सभ्यता में आधुनिक कही जाती संस्कृति की घुसपैठ की कथा मिलती ...
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