विश्व की दस उत्कृष्ट प्रेम कविताएँ: अनुवाद अरुण कमल
लखनऊ के शायर मीर हसन का एक शेर है- ‘कूचा-ए-यार है और दैर है और काबा है / देखिए इश्क़ ...
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लखनऊ के शायर मीर हसन का एक शेर है- ‘कूचा-ए-यार है और दैर है और काबा है / देखिए इश्क़ ...
फ़ैज़ ने अपने एक शेर में कहा है कि ‘जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले’. प्रेम का बदलाव से, ...
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