‘तब इंदिरा जी ने उन्हें बुलवाकर पूछा था कि श्रीकांत तुम कौन-सा मंत्री पद लेना चाहोगे’
हिंदी के साहित्यकार देश के स्वाधीनता-संघर्ष में भागीदार रहे. आज़ादी के बाद सत्ता से उनके निकट संबंध बने. मैथिलीशरण गुप्त, ...
Home » मगध
हिंदी के साहित्यकार देश के स्वाधीनता-संघर्ष में भागीदार रहे. आज़ादी के बाद सत्ता से उनके निकट संबंध बने. मैथिलीशरण गुप्त, ...
श्रीकान्त वर्मा का कविता संग्रह मगध (१९८४ में प्रकाशित) अभी भी आलोचकों के लिए चुनौती है, ऐसी जनप्रियता कम कविता ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum