प्रिय शाह, रंग अभी गीले हैं: अनिरुद्ध उमट
कुछ लेखक अधूरे प्रेम की तरह होते हैं, लौट-लौट कर आते हैं. आकर्षण की तीव्रता मंद नहीं पड़ती. ऐसे ही ...
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कुछ लेखक अधूरे प्रेम की तरह होते हैं, लौट-लौट कर आते हैं. आकर्षण की तीव्रता मंद नहीं पड़ती. ऐसे ही ...
यशदेव शल्य (26 जून,1928- 31 जनवरी, 2021) हिन्दी में लिखने वाले विश्वस्तरीय मौलिक दार्शनिक थे. आधुनिक दार्शनिकों में यशदेव शल्य ...
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