अभिनवगुप्त और जयशंकर प्रसाद: राधावल्लभ त्रिपाठी
कवि, कथाकार और नाटककार जयशंकर प्रसाद (1890-1937) आधुनिक हिंदी साहित्य के कालजयी लेखक हैं, वह गहरे चिंतक भी हैं, इसकी ...
Home » राधावल्लभ त्रिपाठी
कवि, कथाकार और नाटककार जयशंकर प्रसाद (1890-1937) आधुनिक हिंदी साहित्य के कालजयी लेखक हैं, वह गहरे चिंतक भी हैं, इसकी ...
तमिल साहित्य के पांच महान महाकाव्यों में से एक ‘सीलप्पदिकारम्’ के रचनाकार इलंगो अडिहल चोल साम्राज्य से जुड़े समझे जाते ...
भारत जैसे देश में विडम्बनाओं का अंत नहीं, जिस संस्कृति ने प्रेम और दाम्पत्य का अद्भुत ग्रन्थ ‘कामसूत्र’ दिया हो, ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum