भाष्य : शमशेर की “टूटी हुई, बिखरी हुई” : सदाशिव श्रोत्रिय
By Matteo Baroni‘हो चुकी जब ख़त्म अपनी जिंदगी की दास्ताँउनकी फ़रमाइश हुई है, इसको दोबारा कहें.’ (शमशेर)प्रेम की तीव्रता, सघनता ...
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By Matteo Baroni‘हो चुकी जब ख़त्म अपनी जिंदगी की दास्ताँउनकी फ़रमाइश हुई है, इसको दोबारा कहें.’ (शमशेर)प्रेम की तीव्रता, सघनता ...
पाठकों का कवि होकर ही कोई कवियों का कवि हो सकता है. शमशेर बहादुर सिंह की कविताओं को लेकर ...
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