सबद भेद : सेवासदन : हुस्न का बाज़ार या सेवा का सदन : गरिमा श्रीवास्तव
१०० वर्ष पूर्व प्रकाशित ‘सेवासदन’ को कथाकार प्रेमचंद का ‘पहला मुख्य उपन्यास’ माना जाता है, इस शताब्दी वर्ष में इसका ...
Home » सेवासदन
१०० वर्ष पूर्व प्रकाशित ‘सेवासदन’ को कथाकार प्रेमचंद का ‘पहला मुख्य उपन्यास’ माना जाता है, इस शताब्दी वर्ष में इसका ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2022 समालोचन | powered by zwantum