नानी वाली गइया: सत्यदेव त्रिपाठी
पशु-पक्षियों पर संस्मरण लिखे गये हैं,हालांकि वे कम हैं. वरिष्ठ लेखक और रंगमंचीय आलोचक सत्यदेव त्रिपाठी के पशुओं पर लिखे ...
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पशु-पक्षियों पर संस्मरण लिखे गये हैं,हालांकि वे कम हैं. वरिष्ठ लेखक और रंगमंचीय आलोचक सत्यदेव त्रिपाठी के पशुओं पर लिखे ...
‘करियवा’, ‘उजरका’ के बाद अब ‘सुघरका’. ये तीनों बैलों के नाम हैं. एक समय कृषि-संस्कृति के केंद्र में रहे बैल ...
प्रेमचंद की कहानी ‘दो बैलों की कथा’ के बाद अब गाय गाय न रहीं बैल तो जैसे अदृश्य ही हो ...
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