ग़ालिब: तशरीह-2 : नरगिस फ़ातिमा
फ़िराक़ गोरखपुरी का मानना था कि ग़ालिब की शायरी में खुदा से उलझते सवाल हैं, जवाब नहीं और यही उन्हें ...
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फ़िराक़ गोरखपुरी का मानना था कि ग़ालिब की शायरी में खुदा से उलझते सवाल हैं, जवाब नहीं और यही उन्हें ...
शायरी का ख़ुदा कहे जाने वाले मीर तक़ी मीर (1723-1810) की कविताओं की मार्मिकता दिल में बस जाती है. प्रेम ...
ग़ालिब मुश्किल शायर हैं. और यह कि ज़बान पर भी वही हैं. ढहती हुई मुग़लिया सल्तनत की सीढ़ियों से उतरते ...
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