आज जब पुरुषोत्तम अग्रवाल सत्तर वर्ष के हो चुके हैं, उन्हें याद करना अपने प्रिय शिक्षक, मित्र और मार्गदर्शक को...
दर्शनशास्त्र के अध्येता संदीप सिंह जेएनयू छात्र संघ के दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं. यह उनकी वैचारिक सक्रियता और...
भारतीय इतिहास-लेखन में हाशिए के समाजों (जिनमें स्त्रियाँ भी शामिल हैं) की निर्णायक भूमिका की पड़ताल आरंभ तो हुई है,...
औपनिवेशिक सत्ता हमेशा उपनिवेशित की छवि गढ़कर उसे बर्बर और हीन साबित करती रही है. इसी तर्क से उसने अपने...
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