पहला मानव: प्रादुर्भाव और प्रसार: तरुण भटनागर
हिंदी के साहित्यकारों द्वारा साहित्य के इतर अन्य विषयों और अनुशासनों पर लिखने की परम्परा रही है. ख़ुद महावीरप्रसाद द्विवेदी ...
हिंदी के साहित्यकारों द्वारा साहित्य के इतर अन्य विषयों और अनुशासनों पर लिखने की परम्परा रही है. ख़ुद महावीरप्रसाद द्विवेदी ...
भारत में राज्यों के उत्थान-पतन के अलावा भी अन्य क्षेत्र हैं जिनमें इतिहास को जाना चाहिए, जैसे केशविन्यास, वस्त्र, भोजन, ...
कथाकार-लेखक तरुण भटनागर के ‘भारत के विस्मृत नगर’ श्रृंखला में आपने मध्य-प्रदेश के ‘ऐरिकिण’ के विषय में पढ़ा है, इस ...
प्राचीन भारतीय नगरों के बनने, मिटने और खोजने की गाथा ‘भारत के विस्मृत नगर’ की पहली कड़ी ऐरण अर्थात ऐरिकिण ...
भारत और चीन के बीच हमेशा तिब्बत रहता है. भले ही उसका ज़िक्र हो न हो. इस समय भी तिब्बत ...
"तरुण भटनागर की कहानी ‘प्रलय में नाव' एक अर्थ में पौराणिक कथा का पुनराख्यान कही जा सकती है, जहां नूह के ...
‘गुलमेहंदी की झाड़ियाँ’, ‘भूगोल के दरवाजे पर’, ‘जंगल में दर्पण’ (कहानी संग्रह), लौटती नहीं जो हंसी (उपन्यास) आदि के लेखक ...
कथाकार तरुण भटनागर के शीघ्र प्रकाश्य उपन्यास ‘कफ़स’ में एक चरित्र है- अदीब. जब वह पैदा हुआ तब उसके शरीर ...
कृति : Ladoo Bai कलाओं का विकास मनुष्य की स्वाधीनता के चेतना से जुड़ा हुआ है, बाद में सत्ताओं के सेंसरशिप के ...
कथाकार तरुण भटनागर द्वारा यूजेन आयोनेस्क के नाटक ‘लैसन’ के हिंदी अनुवाद ‘पाठ’ पर यह वक्तव्य पढ़ने योग्य है.किताब : तरुण भटनागर ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2022 समालोचन | powered by zwantum