शिल्प की कैद से बाहर : अशोक कुमार पाण्डेय
पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी 'नाकोहस' पर राकेश बिहारी का आलेख- 'कहानी कहने की दुविधा और मजबूरी के बीच' आपने पढ़ा. अपने आलोचनात्मक ...
पुरुषोत्तम अग्रवाल की कहानी 'नाकोहस' पर राकेश बिहारी का आलेख- 'कहानी कहने की दुविधा और मजबूरी के बीच' आपने पढ़ा. अपने आलोचनात्मक ...
शमशेर बहादुर सिंह आलोचकों की दुविधा हैं. केदारनाथ अग्रवाल ने कही लिखा है- 'वहाँ उस आईने में खड़ा है मेरा ...
उपन्यासों को मध्यवर्गीय जीवन का आधुनिक महाकाव्य कहा जाता है. इस मध्यवर्गीय जीवन की कहानियों का बहुत कुछ लेना-देना उस ...
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