मलय रायचौधुरी : कल्लोल चक्रवर्ती
हिंदी में ‘भूखी पीढ़ी’ कविता का ज़िक्र होता रहा है. हिंदी के कई कवि इससे प्रभावित भी थे. पर इसका ...
हिंदी में ‘भूखी पीढ़ी’ कविता का ज़िक्र होता रहा है. हिंदी के कई कवि इससे प्रभावित भी थे. पर इसका ...
चौरासी वर्षीय चन्द्रकिशोर जायसवाल हिंदी कथा साहित्य में केन्द्रीय हैसियत रखते हुए भी बहुत कम दिखते हैं. उनपर लिखने से ...
वरिष्ठ लेखक-संपादक गिरधर राठी जीवनानन्द दाश की कालजयी कविता ‘वनलता सेन’ के विषय में लिखते हैं, ‘दशकों से, अर्थ विवेचन ...
‘बंगाल जिस सांस्कृतिक श्रेष्ठता पर गर्व करता रहा है, सौमित्र कदाचित उसके आखिरी प्रतिनिधि थे. साहित्य, कविता, नाटक, रवींद्र संगीत, ...
समालोचन ‘असहमति की सौ कविताएँ’ के अपने विशेष अंक का यह पहला हिस्सा प्रस्तुत कर रहा है. इसमें सच, साहस ...
कल्लोल चक्रवर्ती की प्रस्तुत कविताएँ असहमति की कविताएँ हैं. बदरंग और विरूप वर्तमान का यह पाठ गहरे तक विचलित करता ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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