उदयन वाजपेयी से मनोज मोहन की बातचीत
उदयन वाजपेयी लेखक के साथ-साथ संपादक भी हैं. ‘समास’ के प्रत्येक अंक में साहित्य, कला, सामाजिकी एवं दर्शन के किसी ...
उदयन वाजपेयी लेखक के साथ-साथ संपादक भी हैं. ‘समास’ के प्रत्येक अंक में साहित्य, कला, सामाजिकी एवं दर्शन के किसी ...
हमारे जीवन में तकनीक अब नियंता की भूमिका में है. वह हमारा भविष्य निर्धारित कर रही है. कृत्रिम मेधा और ...
‘ग्लोबल गाँव के देवता’, ‘गायब होता देश’ और ‘गूँगी रुलाई का कोरस’ जैसे उपन्यासों के लेखक रणेन्द्र को इस वर्ष ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
सर्वाधिकार सुरक्षित © 2010-2023 समालोचन | powered by zwantum