गिरीश कर्नाड : राजाराम भादू
लेखक, अभिनेता, निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में गिरीश कर्नाड की उपस्थिति बेहद जानदार है. उनके आत्मकथात्मक संस्मरण कन्नड़ ...
लेखक, अभिनेता, निर्देशक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में गिरीश कर्नाड की उपस्थिति बेहद जानदार है. उनके आत्मकथात्मक संस्मरण कन्नड़ ...
2022 की श्रेष्ठ पुस्तकें कौन-कौन सी हैं? इससे सार्थक मुझे यह लगा कि 2022 में किन किताबों को पढ़ा गया ...
राजेन्द्र यादव (28 अगस्त, 1929-28 अक्तूबर, 2013) ने ‘हंस’ मासिक पत्रिका का 1986 से 2013 तक संपादन किया. हिंदी साहित्यिक ...
‘खोई चीज़ों का शोक’ (2021) सविता सिंह का चौथा कविता-संग्रह है. 2001 में उनका पहला संग्रह ‘अपने जैसा जीवन’ प्रकाशित ...
कवि पंकज सिंह की कविताओं पर लिखते हुए आलोचक राजाराम भादू उन प्रसंगों को भी याद करते हैं जिनमें ये ...
प्रख्यात आलोचक मैनेजर पाण्डेय के अस्सीवें वर्ष में समालोचन उनकी कृतियों को केंद्र में रखकर ‘आलोचना का आलोक’ आयोजन में ...
समालोचन साहित्य, विचार और कलाओं की हिंदी की प्रतिनिधि वेब पत्रिका है. डिजिटल माध्यम में स्तरीय, विश्वसनीय, सुरुचिपूर्ण और नवोन्मेषी साहित्यिक पत्रिका की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 'समालोचन' का प्रकाशन २०१० से प्रारम्भ हुआ, तब से यह नियमित और अनवरत है. विषयों की विविधता और दृष्टियों की बहुलता ने इसे हमारे समय की सांस्कृतिक परिघटना में बदल दिया है.
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